कर्नाटक हिजाब विवाद: SC में मामले की सुनवाई पूरी, HC के फैसले कि खिलाफ दी गई थी याचिका
Karnataka hijab controversy: कर्नाटक हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। दस दिन की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। दस दिन चली सुनवाई के बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने हिजाब विवाद पर फैसला सुरक्षित रखने का निर्णय किया है।
बेंच ने कर्नाटक सरकार और मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कहा कि हमने आप सभी को सुना है। दलीलें सुनने के बाद बेंच ने कहा कि अब हमारा होमवर्क शुरू होता है। साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि अब भी जिनको लिखित दलीलें देनी हो दे सकते हैं। कोर्ट अब अपने फैसले में तय करेगा कि कर्नाटक हाईकोर्ट का हिजाब की पाबंदी को लेकर दिया गया फैसला सही है या फिर गलत।
कल सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से अपनी दलीलें जल्द से जल्द खत्म करने को कहा था। कर्नाटक सरकार ने कल बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट को अवगत करवाया कि राज्य सरकार ने हिजाब प्रतिबंध विवाद में किसी भी ‘धार्मिक पहलू’ को नहीं छुआ है और यह प्रतिबंध केवल कक्षा तक सीमित है।
कर्नाटक सरकार के महाधिवक्ता प्रभुलिंग के नवदगी ने सुनवाई के दौरान कहा कि फ्रांस समेत कई देशों ने हिजाब पर वैन लगा दिया है। हिजाब पर बैन लगने से वहां की महिलाएं कम इस्लामी नहीं हो गई हैं। स्कूल के बाहर और स्कूल परिसर में हिजाब पर कोई प्रतिबंध नहीं है। प्रतिबंध केवल कक्षा के अंदर है।
बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में जाने पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद देशभर के कई हिस्सों में मुस्लिम महिलाओं और छात्राओं ने प्रदर्शन किया था। हिंदूवादी छात्र संगठनों ने भी कर्नाटक में एक कॉलेज के अंदर भगवा शॉल पहनकर जयश्रीम के नारे लगाए थे।
विवाद इतना बढ़ गया कि मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि हिजाब इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को इसे स्कूलों के अंदर यूनिफॉर्म का हिस्सा बनाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।