ओमीक्रॉन से निपटने के लिए कोरोना की बूस्टर डोज लगाने की मांग, SII ने DCGI से मांगी मंजूरी
नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस के नए वेरियंट ओमिक्रोन के बाद दुनिया भर के देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इस वेरियंट पर कोरोना वैक्सीन को भी बेअसर माना जा रहा है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज की चर्चाएं एक बार फिर शुरू हो चुकी हैं। अमेरिका, रूस समेत कई देशों में लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है। दक्षिण अफ्रीका के चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि इससे वो लोग भी संक्रमित पाए गए हैं, जिनका पूरा टीकाकरण हो गया है। हालांकि इन लोगों में हल्के लक्षण देखे गए हैं (Omicron Symptoms)। ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए भारत में भी बूस्टर डोज (Corona vaccine Booster Dose) लगवाने की बातें सामने आने लगी है। कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोविशील्ड वैक्सीन की बूस्टर डोज को मंजूरी देने का आग्रह किया है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने कहा है कि देश में वैक्सीन की पर्याप्त डोज मौजूद हैं। अधिकारियों के अनुसार, कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron Variant) के खतरे को देखते हुए ये मांग की गई है। सीरम इंस्टीट्यूट भारत की पहली ऐसी कंपनी है, जो कोविड-19 की बूस्टर डोज के लिए मंजूरी मांग रही है। कोरोना वायरस वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद जो तीसरी डोज लगती है, उसे ही बूस्टर डोज कहा जाता है। वहीं केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और कोविड वैक्सीन प्रबंधन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह बूस्टर डोज (Covishield Vaccine Booster Dose) की जरूरत का पता करने के लिए उसके वैज्ञानिक साक्ष्य पर विचार कर रहे हैं। कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के सामने आने के बाद राजस्थान, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और केरल जैसे राज्यों ने भी केंद्र सरकार से कहा है कि बूस्टर डोज को अनुमति दी जानी चाहिए। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान एसआईआई के सीईओ आदर पूनावाला ने कहा था कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एक नई वैक्सीन ला सकते हैं, जो इस नए वेरिएंट के खिलाफ बूस्टर की तरह काम करेगी।