हरियाणा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे स्कूल संचालक, बोले- हर हाल में खुलेंगे स्कूल
सिरसा। (सुरेन सावंत) हरियाणा सरकार द्वारा कोविड-19 सुरक्षा मानकों के तहत 30 अप्रैल तक स्कूल बंद रखने के मौखिक आदेशों के खिलाफ आज सिरसा जिला के स्कूल संचालक बिफर गए और उन्होंने फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन हरियाणा के तत्वावधान में प्रदर्शन किया। सैंकड़ों की संख्या में आज स्कूल संचालक लघु सचिवालय में एकत्रित हुए और सरकार के इन आदेशों के खिलाफ निंदा जाहिर की। स्कूल संचालक बसों में सवार होकर काले झंडे लेकर पहुंचे।
डॉक्टर कुलभूषण शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार के आदेश वर्तमान शिक्षा स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। लगभग एक साल के बाद अब जाकर कोविड-19 के कारण शिक्षा के नुकसान की भरपाई करने हेतु छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों व स्कूल लीडरों ने बड़ी आशा के साथ फिजिकल कक्षाएं शुरू की है लेकिन बिना किसी चर्चा के प्रदेश के मुख्यमंत्री का स्कूल बंद करने को लेकर कहना, लोकतांत्रिक नहीं है।
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हरियाणा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे स्कूल संचालक, बोले- हर हाल में खुलेंगे स्कूल[/caption]
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हरियाणा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे स्कूल संचालक, बोले- हर हाल में खुलेंगे स्कूल[/caption]
उन्होंने कहा कि सरकार अब जानती है कि हरियाणा अब जोखिम की स्थिति में नहीं है, ऐसे में प्रत्येक जिला के स्तर पर महामारी पर विचार कर होने चाहिए। हाल में तेलंगाना सरकार ने निजी स्कूल के शिक्षण व गैर शिक्षण कर्मचारियों के लिए 2 हजार रुपये व 25 किलोग्राम चावल के राहत पैकेज की घोषणा की है। एसोसिएशन चाहती है कि हरियाणा सरकार भी इसी तर्ज पर शिक्षण व गैर शिक्षण कर्मचारियों को साहुलियत दें।
डॉक्टर कुलभूषण शर्मा ने बताया कि लाखों ड्राईवर, सफाई कर्मचारी, बस सहायक अब बेरोजगार है। स्कूल बसें भी दो साल से नहीं चली हैं। ऐसे में सरकार स्कूल बस कर्मचारियों को उनकी नौकरी वापिस मिलने तक 3 हजार रुपये प्रति माह तक बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा करें।
इस मौके पर मौजूद सैंकड़ों स्कूल संचालकों ने कहा कि स्कूलों को बंद हुए एक साल से अधिक का समय हो गया है लेकिन देश में सरकारी कार्यक्रम, राजनीतिक रैलियां, धार्मिक सभाएं व क्रिकेट मैच बिना किसी रोकटोक के हो रहे है लेकिन शिक्षा जो अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, वह लॉकडाउन में है। इसलिए स्पष्ट है कि स्कूल हर हाल में खुलेंगे, अगर किसी को पढ़ाई करवाना अपराध है तो हम जेल में जाने को तैयार है। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत आते है लेकिन प्रदेश का मुख्यमंत्री स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी करता है, जबकि शिक्षा मंत्री कोई टिप्पणी या आदेश जारी नहीं करता।