किसानों पर हो रहे 'जुल्म' के चलते सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली
करनाल। करनाल के सिंगड़ा गांव के गुरुद्वारे के बाबा संत राम सिंह नानकसर वालों की संदिग्ध परिस्थितियों में दिल्ली में मौत हो गई। जानकारी मिली कि उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या की है। उन्होंने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा। वो कई दिन से लगातार दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जाकर किसानों की आवाज़ बुलंद कर रहे थे। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कहा कि किसानों को उनका हक मिलना चाहिए। उन्होंने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है, जो कि जुल्म है जो जुल्म करता है वह पापी है, जुल्म सहना भी पाप है। [caption id="attachment_458519" align="aligncenter" width="700"] किसानों पर हो रहे 'जुल्म' के चलते सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली[/caption] उन्हें गंभीर हालत में पारस हॉस्पिटल लाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। जहां से उनका शव करनाल के सरकारी हॉस्पिटल में लाया गया लेकिन संगत ने पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया था और शव को सिंगड़ा में स्थित गुरुद्वारे में लेकर चले गए लेकिन बाद संगत पोस्टमार्टम के लिए मान गई है और उनका शव अब पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया है। इस घटना के बाद संगत का रो रोकर बुरा हाल है। संगत का कहना है कि उन्होंने शहादत दी है। संगत ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। यह भी पढ़ें- सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा फिर पहुंचे आंदोलनरत किसानों के बीच, दिया पूर्ण समर्थन [caption id="attachment_458517" align="aligncenter" width="700"] किसानों पर हो रहे 'जुल्म' के चलते सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली[/caption] यह भी पढ़ें- मेदांता जाने से इंकार कर रहे थे अनिल विज, भाई के मनाने पर हुए तैयार बाबा राम सिंह जी के पार्थिक शव को गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में रखा गया है। देर रात पोस्टमार्टम के बाद बाबा जी का शव सिंगड़ा गांव गुरुद्वारा नानकसर साहिब पहुंचा। जानकारी के मुताबिक कल शाम राम सिंह जी का संस्कार संगत करेगी। [caption id="attachment_458518" align="aligncenter" width="700"] किसानों पर हो रहे 'जुल्म' के चलते सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली[/caption] बाबा राम सिंह जी के आखरी बार दर्शन के लिए कई शहरों, राज्यों से संगत और सिख समाज के कई बड़े गुरु सिंगड़ा गांव पहुंचेंगे। देर रात से ही गुरुद्वारा साहिब में पाठ किए जा रहे हैं और लोग आखिरी बार आकर संत महापुरुष के दर्शन कर रहे हैं।