अंतरराष्ट्रीय हलचल के बीच कहां तक पहुंचा रूस और यूक्रेन का युद्ध, क्या है यूक्रेन के ताजा हालात ?
फरवरी 2022 के आखिरी हफ्ते में यूक्रेन पर रूस ने जो हमले शुरू किए, वो आज करीब 5 महीने बाद भी जारी है। अभी भी इस युद्ध का कोई अंत नजर नहीं आ रहा और न ही किसी तरह के समाधान की उम्मीद नजर आ रही है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने ही देश की खूफिया एजेंसी पर अविश्वास जाहिर किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जेलेंस्की ने एजेंसी के सुरक्षा प्रमुख इवान बाकानोव और अभियोजक जनरल इरीना वेनेडिक्टोवा को उनके पदों से बर्खास्त करने का फैसला लिया है। इसकी वजह के तौर पर एक वीडियो जारी कर जेलेंस्की ने ये भी कहा है कि दोनों अधिकारी अपने काम को ठीक से नहीं कर रहे थे और साथ ही जेलेंस्की ने दोनों ही अधिकारियों की एजेंसी के सदस्यों द्वारा रूस का साथ देने के भी आरोप लगाए हैं।
रूस औऱ यूक्रेन के युद्ध में अंतरराष्ट्रीय खबरों के मुताबिक यूक्रेन में अब तक 350 से भी ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि 650 से भी ज्यादा बच्चे घायल भी हुए हैं। खास तौर से खारकीव, डोनेस्ट्स, कीव और खेरसॉन में इस तरह के मामले सामने आए हैं जहां बच्चों को निशाना बनाया गया था। वहीं दोनों देशों की सेनाओं के युद्ध में अब तक यूक्रेन ने भी पलटवार करते हुए रूस के करीब 38 हजार से भी ज्यादा सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है। ये दावा 17 जुलाई तक के हालात को देखते हुए किया गया है।
[caption id="attachment_669868" align="alignnone" width="700"] वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (फाइल फोटो)[/caption]
रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच दुनियाभर के तमाम देश ऐसे हैं जिन्होंने रूस पर तरह तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि भारत का इस मामले में रुख तटस्थ रहा है और भारत ने खुद को इस मामले से बाहर ही रखा है। इसी वजह से पिछले दिनों जेलेंस्की ने दुनिया के कई देशों के यूक्रेन में स्थित दूतावास के राजदूतों को बर्खास्त भी कर दिया था और इसमें भारतीय दूतावास भी शामिल है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस और यूक्रेन युद्ध में किसी भी तरह से खुद को वैचारिक तौर पर भी शामिल नहीं किया है और न ही किसी तरह का समर्थन किसी भी देश के लिए दिया था। हालांकि भारत ने मानवता के तौर पर दोनों देशों से युद्ध खत्म करने और शांतिपूर्ण तरीके से मामले का हल निकालने की नसीहत जरूर दी थी।
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व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)[/caption]
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का जवाब देने के लिए रूस ने हाल ही में करीब 100 से भी ज्यादा कानून पास किए हैं और इसमें ज्यादातर कानून यूक्रेन में चल रही जंग के मद्देनजर बनाए गए हैं। इसके तहत एक कानून ऐसा भी है जिसमें किसी भी शख्स को रूसी सुरक्षाबल संदिग्ध होने पर विदेशी एजेंट मान सकते हैं और उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे 20 साल तक की सजा सुना सकते हैं। इसके लिए ऐसे शख्स के पास किसी तरह की विदेशी फंडिंग मिलना भी जरूरी नहीं है। सिर्फ शक के आधार पर ये कार्रवाई कानूनी तौर पर की जा सकती है।
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फाइल फोटो[/caption]
इस बीच यूक्रेन में फंसे अपने भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए भारत ने ऑपरेशन गंगा भी चलाया था और इसके तहत करीब 22 हजार से भी ज्यादा छात्र छात्राओं को यूक्रेन से रेस्क्यू किया था।