- विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल को फिर लिखा पत्र
- कांग्रेस विधायकों को मिलने का समय नहीं दे रहे राज्यपाल- हुड्डा
- बिना कारण बताए राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों से मिलने के लिए किया इनकार- हुड्डा
- किसानों के मुद्दे पर सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहती है कांग्रेस- हुड्डा
- स्थानीय निकाय चुनावों से स्पष्ट है प्रदेश से जा रही है बीजेपी-जेजेपी सरकार, बदलाव चाहती है जनता- हुड्डा
चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में आज
कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में तीन
कृषि कानून के ख़िलाफ़ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि किसानों की मांगे पूरी तरह जायज़ हैं। ये आंदोलन पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक और शांतिप्रिय तरीक़े से चल रहा है। निश्चित तौर पर किसान संगठन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं लेकिन एक ज़िम्मेदार विपक्ष के तौर पर तमाम कांग्रेस विधायक और पार्टी किसानों का समर्थन करते हैं।
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कांग्रेस विधायक दल की बैठक में किसानों की मांगों के समर्थन में प्रस्ताव पास[/caption]
बैठक के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्रकारों वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 36 दिनों से प्रदेश का अन्नदाता आंदोलनरत है। वो दिल्ली बॉर्डर समेत पूरे प्रदेश में कड़कड़ाती ठंड और खुले आसमान के नीचे धरना दे रहा है। 36 दिनों में 42 किसानों की जान जा चुकी है। ऐसे गंभीर हालात में किसानों के मुद्दे पर चर्चा ज़रूरी है। इसलिए हमने 7 दिसंबर को महामहीम राज्यपाल के नाम एक पत्र लिखा था, जिसमें विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई थी। लेकिन राज्यपाल ने आजतक उस मांग को नहीं माना। इतना ही नहीं राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों को मिलने से भी इंकार कर दिया, वो भी बिना कारण बताए।
हुड्डा ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार देखा है कि राज्यपाल इस तरह विपक्ष को मिलने से इंकार कर रहे हैं। विधायक दल की बैठक के बाद उन्होंने फिर से राज्यपाल को पत्र लिखा है और जल्द विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है।
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कांग्रेस विधायक दल की बैठक में किसानों की मांगों के समर्थन में प्रस्ताव पास[/caption]
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हुड्डा ने कहा कि हालात ऐसे हो चले हैं कि राज्यपाल अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करके सत्र नहीं बुला रहे हैं और गठबंधन सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने से भाग रही है। क्योंकि ये सरकार जनता और विधायकों का विश्वास खो चुकी है। 2 महीने में सरकार को दो बड़े झटके लग चुके हैं। बरोदा उपचुनाव के बाद गठबंधन को स्थानीय निकाय चुनावों में भी करारी हार का सामना करना पड़ा है। निकाय चुनावों में 7 में से बीजेपी को मिली सिर्फ 2 में जीत मिली और उसकी सहयोगी जेजेपी पूरी तरह साफ हो गई। जबकि सोनीपत में कांग्रेस उम्मीदवार ने प्रदेश की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। वहीं, उकलाना, सांपला और धारूहेड़ा में कांग्रेस समर्थक उम्मीदवारों ने बीजेपी को मात देकर जीत हासिल की।
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कांग्रेस विधायक दल की बैठक में किसानों की मांगों के समर्थन में प्रस्ताव पास[/caption]
हुड्डा ने कहा कि इन नतीजों से स्पष्ट है कि ग्रामीण मतदाताओं के बाद अब शहरी मतदाताओं ने भी बीजेपी-जेजेपी को नकार दिया है। बरोदा के बाद स्थानीय निकाय के नतीजों से साफ है कि जनता अब परिवर्तन के मूड में है और हरियाणा से बीजेपी-जेजेपी जा रही हैं।