मैनपुरी हॉट सीट उपचुनाव: डिंपल को मिला नीतीश का साथ
लखनऊ/मोहम्मद ज़ुबेर ख़ान: जब से उत्तर प्रदेश की हॉट सीट, यानि मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव के नाम का ऐलान किया है, तब से मैनपुरी से जुड़ी हर आम ख़बर, ख़ास ख़बर हो गई है। हर आम मैनपुरिया, ख़ास मैनपुरिया हो चला है।
हालाकि सपा के इस गढ़ में सेंधमारी करने के लिए उत्तर प्रदेश भाजपा भी हर मुम्किन दांव-पेंच लड़ा रही है। भाजपा ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के चुनावी रण में रघुराज शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिनके लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक अपने-अपने तौर-तरीक़ो से जद्दोजहद और मशक्कत कर रहे हैं।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने जा रहे इस उपचुनाव की भनक बिहार तक भी पहुंच चुकी है। दरअसल पहले तो लालू प्रसाद यादव परिवार तक ही बात सीमित थी, लेकिन अब ख़ुद बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस चुनाव में अपनी दिलचस्पी का खुलकर इज़हार कर चुके हैं।
मैनपुरी उपचुनाव को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड ने बड़ा ऐलान कर दिया है। जेडीयू ने मैनपुरी उपचुनाव के लिए डिंपल यादव को समर्थन करने का फैसला किया है। अखिलेश यादव की पत्नी की राह आसान करने के साथ ही, जेडीयू ने भारतीय जनता पार्टी को हराने की भी खुले तौर पर घोषणा कर दी है।
जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने बताया कि एनडीए का कुनबा छोड़ने के बाद नीतीश कुमार देश भर में विपक्ष को एकजुट करने की क़वायद में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि यूपी के मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव में एकजुट होकर भाजपा को नाकामयाब करना है, इसीलिए जेडीयू ने सपा को समर्थन करने का बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हुई है। इस सीट पर 5 दिसंबर को मतदान होना है।
मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी में सैफई परिवार का ये पहला चुनाव है। मुलायम के निधन से इस सीट पर यादव परिवार के लिए सहानुभूति की लहर भी है। बीते दिनों हुई चर्चाओं पर अगर ग़ौर करें तो सपा से मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव उम्मीदवारों की रेस में सबसे आगे थे, लेकिन अचानक अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के नाम का ऐलान उम्मीदवार के तौर पर कर दिया गया। अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह की सीट से परिवार के किसी दूसरे सदस्य को उपचुनाव लड़ाने के बजाय अपनी पत्नी डिंपल यादव पर यक़ीन जताया, ताकि मुलायम सिंह की सियासी विरासत उनके पास ही बरक़रार रहे और उसकी क़ायदी से हिफाज़त भी की जा सके। हालाकि नेता जी के क़िले का सही मायनों में सियासी वारिस कौन साबित होगा, इसके लिए हम सबको 8 दिसंबर के नतीजे वाले दिन का इंतज़ार करना ही होगा।
- PTC NEWS