एक विधायक एक पेंशन के फैसले पर पंजाब सरकार को झटका, राज्यपाल बोले पहले बिल पास करो
हाल ही में पंजाब की भगवंत मान सरकार ने एक विधायक एक पेंशन का फैसला लिया था। कैबिनेट में लिए गए इस फैसले को पंजाब सरकार ने राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजा था। इस मामले में पंजाब सरकार को राज्यपाल ने झटका दिया है। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब सरकार की एक विधायक एक पेंशन वाली फाइल साइन करने से इनकार कर दिया है।
राज्यपाल ने सलाह दी है कि पंजाब सरकार पूर्व विधायकों की पेंशन से जुड़ा बिल पहले विधानसभा के बजट सेशन में पास करवाए। विधानसभा में बिल पास होने के बाद राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाए। अब ये बिल विधानसभा में पास होकर जुलाई तक कानून बन सकते हैं।
Bhagwant Mann govt: Punjab Governor returns 'one MLA, one pension' ordinance" width="750" height="390" />
विधायकों की पेंशन को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। एक विधायक जितनी बार चुनाव जीतता है उतनी बार पेंशन का हकदार होता है। सीएम भगवंत मान ने मुख्यमंत्री बनने के बाद कहा था कि पूर्व विधायकों को सिर्फ एक ही पेंशन मिलेगी। बीती 2 मई को एक कैबिनेट में एक विधायक एक पेंशन अध्यादेश को जारी करने के लिए मंजूरी दी गई थी, लेकिन अब राज्यपाल ने इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। अब कानून बनने तक पूर्व व मौजूदा विधायकों की पेंशनों की अदायगी जारी रहेगी।
अब विधानसभा सत्र में बिल पास करवाना जरूरी हो जाएगा। अब पंजाब सरकार इस बिल को विधानसभा में लाकर इसपर कानून लाएगी और आगे की प्रक्रिया अम्ल में लाई जाएगी। इस प्रक्रिया को पूरा होने में एक से दो महीने का समय लग जाएगा।
पंजाब में कई विधायक इस समय एक से ज्यादा पेंशन ले रहे हैं। कुछ पूर्व विधायक 5 लाख रुपये तक पेंशन लाभ ले रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब सरकार विधायकों की पेंशन पर 19.53 करोड़ रुपये खर्च करती है। एक विधायक एक पेंशन पर फैसला लेते हुए भगवंत मान ने कहा था कि इस फैसले से पंजाब सरकार को सालाना लगभग 20 करोड़ की बचत होगी।