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सरकार के जुबानी आश्वासन पर नहीं किसानों को भरोसा, MSP गारंटी का कानून बनाया जाए: हुड्डा

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Arvind Kumar -- November 29th 2020 04:46 PM
सरकार के जुबानी आश्वासन पर नहीं किसानों को भरोसा, MSP गारंटी का कानून बनाया जाए: हुड्डा

सरकार के जुबानी आश्वासन पर नहीं किसानों को भरोसा, MSP गारंटी का कानून बनाया जाए: हुड्डा

चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री खट्टर के उस बयान पर हैरानी जताई है जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था इस आंदोलन में हरियाणा के किसान शामिल नहीं है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हरियाणा के किसान कई महीने से आंदोलनरत हैं। वो बार-बार सरकार से इन क़ानूनों को वापस लेने या एमएसपी का क़ानून बनाने की गुहार लगा चुके हैं। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि क्या वो आंदोलनकारी किसानों को हरियाणा वासी नहीं मानते? अगर हरियाणा के किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं है तो पिपली में सरकार ने किन लोगों पर लाठीचार्ज करवाया था? वो कौन लोग हैं जिन्हें हरियाणा पुलिस ने दिल्ली कूच से पहले हिरासत में लिया था? वो हज़ारों किसान कहां के रहने वाले हैं जिन पर हरियाणा सरकार ने मुक़दमे दर्ज किए हैं? [caption id="attachment_453479" align="aligncenter" width="700"]Congress Leader Bhupinder Singh Hooda सरकार के जुबानी आश्वासन पर नहीं किसानों को भरोसा, MSP गारंटी का कानून बनाया जाए: हुड्डा[/caption] हुड्डा ने कहा कि इतने बड़े आंदोलन के प्रति मुख्यमंत्री की ऐसी अनदेखी हैरान और अन्नदाता का अपमान करने वाली है सरकार को पता होना चाहिए कि इस आंदोलन में हरियाणा और पंजाब के किसान कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़े हुए हैं। यूपी, राजस्थान और अन्य राज्यों के किसानों का भी उन्हें समर्थन मिल रहा है। एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर हम किसानों की मांगों का पूर्ण समर्थन करते हैं। जब तक किसानों ये लड़ाई जीत नहीं जाते, हम किसानों की मांगों के साथ मजबूती से खड़े हैं। [caption id="attachment_453481" align="aligncenter" width="696"]Congress Leader Bhupinder Singh Hooda सरकार के जुबानी आश्वासन पर नहीं किसानों को भरोसा, MSP गारंटी का कानून बनाया जाए: हुड्डा[/caption] हुड्डा ने कहा कि सरकार की तरफ से आंदोलन को कुचलने के लिए जो रवैया अपनाया गया, वह पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। क्योंकि लोकतंत्र में हर नागरिक और हर वर्ग को अपनी जायज़ मांगों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है। अबतक किसानों का पूरा आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है। लेकिन पूरे आंदोलन में हरियाणा सरकार की भूमिका नकारात्मक रही है। सरकार का काम जाम खुलवाना होता है, जाम लगाना नहीं। यह भी पढ़ें- बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली कूच करने वाले किसानों पर मामले दर्ज सरकार का काम सड़के बनवाना होता है, सड़कें खुद वाना नहीं। लेकिन सरकार ने किसानों को रोकने के लिए सड़कों को जाम भी किया और सड़कों को खुदवाया भी। हरियाणा को पूरे देश में बेरोजगारी, अपराध और नशे के मामले नंबर वन बनाने के बाद, यह सरकार किसान विरोध में भी पहले नंबर पर पहुंच गई है। क्योंकि आंदोलन कर रहे किसानों को न पंजाब में किसी तरह के अवरोध का सामना करना पड़ा और ना ही दिल्ली सरकार की तरफ से किसी तरह का अवरोध पैदा किया गया लेकिन शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हजारों किसानों पर एक साथ मुकदमे दर्ज करवा कर बीजेपी जेजेपी ने बता दिया है कि वह पूरी तरह किसान विरोधी सरकार है। इन लोगों को किसान से ज्यादा कुर्सी प्यारी है। यह भी पढ़ें- किसान आंदोलन को लेकर सुरजेवाला का दुष्यंत पर हमला, कही ये बात नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को नसीहत दी कि वो इतने बड़े जन आंदोलन की अनदेखी करने की बजाए, इसकी सुनवाई करे। किसानों की मांग के मुताबिक उन्हें एमएसपी की गारंटी दी जाए। इसके लिए चाहे मौजूदा क़ानूनों में संशोधन करना पड़े या नया क़ानून बनाना पड़े। ऐसा लगता है कि ये सरकार पूरी तरह किसानों का भरोसा खो चुकी है। इसलिए उसे सरकार के ज़ुबानी आश्वासन पर विश्वास नहीं है। किसान चाहते हैं कि उन्हें क़ानून की शक्ल में एमएसपी की गारंटी दी जाए। इतना ही नहीं सरकार को तुरंत प्रभाव से किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने चाहिए और हिरासत में लिए गए किसान नेताओं को रिहा करना चाहिए। [caption id="attachment_453480" align="aligncenter" width="700"]Congress Leader Bhupinder Singh Hooda सरकार के जुबानी आश्वासन पर नहीं किसानों को भरोसा, MSP गारंटी का कानून बनाया जाए: हुड्डा[/caption] भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर तमाम हरियाणा वासियों से अपील की कि पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग इलाकों से पहुंच रहे किसानों को कोई समस्या पेश नहीं आनी चाहिए। जो व्यवस्था हो सके करनी चाहिए। हुड्डा ने आगाह करते हुए कहा कि सरकार को 3 दिसंबर का इंतज़ार किए बिना फौरन इन किसानों से बातचीत करनी चाहिए नहीं तो ये आंदोलन इससे भी कई गुना बढ़ सकता है इसलिए सरकार को जल्द किसानों कि मांगो का समाधान निकालना चाहिए।


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