सांसद कोटे के दिए पानी के टैंकरों को लेकर दुष्यंत चौटाला और प्रशासन आमने-सामने
भिवानी। (कृष्ण सिंह) सांसद दुष्यंत चौटाला व जिला प्रशासन में पानी के टैंकरों को लेकर टकराव हो गया है। सांसद द्वारा अपनी सांसद निधि से पंचायतों को दिए गए पानी के टैंकरों पर नाम मिटाने से सांसद आगबबूला हैं। सांसद ने सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग करने और डीसी पर दबाव में आने का आरोप लगाते हुए एफआईआर करवाने तक की चेतावनी दी है।
पूरा मामला हिसार लोकसभा क्षेत्र में बवानीखेड़ा हलके के गांव दुर्जनपुर का है। यहां सांसद दुष्यंत चौटाला द्वारा अपनी सांसद निधि से दिए पानी के टैंकर पर पंचायत द्वारा उनके नाम को मिटा दिया गया। पंचायत ने टैंक पर सांसद के नाम पर सफेद पेंट कर मिटा दिया गया है।
[caption id="attachment_271964" align="aligncenter" width="700"] सांसद निधि से दिए पानी के टैंकर से हटाया गया दुष्यंत चौटाला का नाम[/caption]
जब इस बारे में दुर्जनपुर के सरपंच प्रतिनिधि महेश कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि इस बारे में खंड विकास एंव पंचायत अधिकारी के मौखिक आदेश पर सांसद के नाम को मिटाया गया है। उन्होंने कहा कि ये सब लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के चलते किया गया है। साथ ही उन्होंने लिखित में अनुमति ना लेने के सवाल पर कहा कि बीडीपीओ ने जरूरत पड़ने तक लिखित में आदेश देने की बात कही थी।
यह भी पढ़ें : जननायक जनता पार्टी के संगठन में विस्तार, अब इन प्रकोष्ठों में की नियुक्तियां
वहीं सांसद दुष्यंत चौटाला ने इस पूरे मामले पर आरोप लगाया है कि सरकार ने चुनाव आयोग की आड़ में सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो खुद विकास नहीं करवा पाए वो हमारे कामों को रोकने में लगे हैं। सांसद ने कहा कि इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और डीसी से बात भी की है। डीसी ने दबाव में आकर ही नियमों के मुताबिक टैंकरों पर नाम ढकने की बजाय पेंट कर मिटाने का काम किया है। सांसद ने स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलकर ये किया उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाई जाएगी।
[caption id="attachment_271965" align="aligncenter" width="700"]
सांसद ने स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलकर ये किया उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाई जाएगी।[/caption]
दुष्यंत ने कहा कि डीसी इसे चुनाव आयोग के निर्देश मानते हैं तो अब तक सीएम मनोहरलाल, किसी भी मंत्री, सांसद व विधायक के कार्यों के शिलान्यास तथा उद्घाटनों के पत्थरों को भी हटाएं, अन्यथा डीसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अब देखना होगा की पानी के टैंकरों को लेकर शुरू हुई ये तकरार क्या रंग लाती है। या फिर आचार संहिता के नाम पर हुई इस कार्रवाई की आंच, समय के साथ जांच के नाम पर पानी डाल कर ठंडी कर दी जाएगी।
यह भी पढ़ें : जेजेपी में नियुक्तियों का दौर जारी, खेल प्रकोष्ठ में 26 खिलाड़ियों को दिए महत्वपूर्ण पद