एवरेस्ट पर जाने के लिए पर्वतारोही ने सरकार से मांगी किडनी बेचने की इजाजत
भिवानी। (कृष्ण सिंह) केंद्र व राज्य सरकार भले ही अपनी खेल नीति का बखान करते न थकते हो, परन्तु भिवानी के पर्वतारोही हरिओम को खेल नीति का कोई फायदा नहीं पहुंच पा रहा! पर्वतारोही बेसिक कोर्स, एडवांस कोर्स व सर्च एंड रेसक्यू कोर्स करने के बाद भी माऊंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने की उनकी इच्छा अभी तक अधूरी है। क्योंकि खेल नीति के तहत पर्वतारोही हरिओम को आर्थिक अनुदान नहीं दिया जा रहा! इसके चलते अब उन्होंने अपनी किडनी बेचने की इजाजत मांगी है, ताकि वे माऊंट ऐवरेस्ट पर चढ़ने में होने वाले खर्च को वहन कर सके।
[caption id="attachment_342193" align="aligncenter" width="700"] एवरेस्ट पर जाने के लिए पर्वतारोही ने मांगी सरकार से किडनी बेचने की इजाजत[/caption]
पर्वतारोही हरिओम का कहना है कि माऊंट ऐवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के लिए खेल मंत्रालय व हरियाणा प्रदेश सरकार की तरफ से उन्हें कोई भी आर्थिक सहायता नहीं मिल रही, जबकि वे पिछले पांच सालों से खेल विभाग सहित मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी आर्थिक सहायता के लिए मिल चुके हैं। जबकि मात्र बेसिक कोर्स करने वाले पर्वतारोहियों को सरकार अनुदान दे रही हैं। जबकि वे बेसिक, एडवांस, सर्च एंड रेसक्यू कोर्स पूरा कर चुके हैं।
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एवरेस्ट पर जाने के लिए पर्वतारोही ने मांगी सरकार से किडनी बेचने की इजाजत[/caption]
भिवानी शहर के कोंट रोड क्षेत्र के निवासी हरिओम वर्ष 2012 में नेपाल की चुल्लू ईस्ट व चुल्लू वेस्ट सहित नेपाल की ही आईसलैंड पीक को फतेह कर चुके हैं। पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपनी बड़ी उपलब्धियों के बाद भी सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता न मिलने के चलते अब उन्हे मायूस होकर अपनी किडनी बेचने की इजाजत सरकार से मांगी हैं। उन्होंने बताया कि वे 2003 से पर्वतारोहण के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। वर्ष 2012 में तत्कालिक मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हे आर्थिक सहायता दी थी। वर्तमान मुख्यमंत्री से मिलने के बाद भी उन्हे कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। जिसके चलते पर्वतारोहण के क्षेत्र में एक बेहतर प्रतिभा को मायूस होकर किडनी बेचने की मांग करनी पड़ रही है।
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---PTC NEWS---