उत्तराखंड आपदा से लिया सबक, हिमाचल में ग्लेशियरों पर होगा अध्ययन
शिमला। उत्तराखंड आपदा से सबक लेते हुए हिमाचल में स्थित ग्लेशियरों को लेकर अध्ययन किया जाएगा। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि उत्तराखंड के चमोली में प्राकृतिक आपदा से ग्लेशियर टूटने के कारण वहां हुई तबाही अत्यन्त चिन्ताजनक है और इस दुखद परिस्थिति में हिमाचल प्रदेश के लोग उत्तराखंड के साथ खड़े हैं। [caption id="attachment_473203" align="aligncenter" width="700"] उत्तराखंड आपदा से लिया सबक, हिमाचल में ग्लेशियरों पर होगा अध्ययन[/caption] मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में भी ग्लेशियरों का ख़तरा बना रहता है। यहां भी विद्युत परियोजनों के लिए कई बांध बने हैं। जिनकर अध्ययन किया जाएगा। [caption id="attachment_473204" align="aligncenter" width="700"] उत्तराखंड आपदा से लिया सबक, हिमाचल में ग्लेशियरों पर होगा अध्ययन[/caption] गौर हो कि उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मच गई। ग्लेशियर टूटने से नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। जिस कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस आपदा के बाद करीब 150 से 200 लोग लापता हैं। जिन्हें ढूंढने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। यह भी पढ़ें- चरखी दादरी में किसानों की महापंचायत, किसान नेताओं ने सरकार पर बोला हमला यह भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल ने मां-बाप को मार शवों को जलाया, खुद भी की खुदकुशी [caption id="attachment_473205" align="aligncenter" width="700"] उत्तराखंड आपदा से लिया सबक, हिमाचल में ग्लेशियरों पर होगा अध्ययन[/caption] ग्लेशियर टूटने से रैणी पावर प्रोजेक्ट पूरा बह गया और तपोवन भी क्षतिग्रस्त हुआ है। पहले प्रोजेक्ट से 32 लोग लापता हैं और दूसरे प्रोजेक्ट से 121 लोग लापता हैं। राहत व बचाव कार्य सुद्ध स्तर पर चल रहा है।