जानिए कौन थे बाबा संत राम सिंह, लोगों ने क्यों दिया शहीद का दर्जा?
करनाल। किसान आंदोलन पर सरकार के रवैये से नाराज चल रहे करनाल के सिंगड़ा गांव के गुरुद्वारा नानकसर साहिब के प्रमुख बाबा संत राम सिंह ने सुसाइड कर लिया। सिख संत के सुसाइड से लोगों में दुख के साथ रोष है। संत राम सिंह जी लगातार दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जाकर किसानों की आवाज़ बुलंद कर रहे थे और गुरु के नाम का सिमरन भी वहां बैठे लोगों को करवा रहे थे। [caption id="attachment_458540" align="aligncenter" width="700"] जानिए कौन थे बाबा संत राम सिंह, लोगों ने क्यों दिया शहीद का दर्जा?[/caption] बाबा राम सिंह जी पिछले कई सालों से गुरुद्वारा नानकसर साहिब सिंगड़ा के मुख्य सेवादार प्रमुख के तौर पर अपनी जिमेदारी संभाल रहे थे और देश विदेश में कीर्तन भी करते रहते थे। सभी को ही गुरु नानक की बानी के साथ जुड़ने का संदेश देते थे जिस वजह से सिख समाज मे उन्हें संत के रूप में माना जाता था और सभी उनकी इज्जत करते थे। यह भी पढ़ें- मेदांता जाने से इंकार कर रहे थे अनिल विज, भाई के मनाने पर हुए तैयार [caption id="attachment_458541" align="aligncenter" width="700"] जानिए कौन थे बाबा संत राम सिंह, लोगों ने क्यों दिया शहीद का दर्जा?[/caption] संत राम सिंह जी के लाखों अनुयायी हैं। उनके आखिरी दर्शन के लिए उनके अनुयायी पहुंचना शुरू हो गए हैं। उनका पार्थिव शरीर आखिरी दर्शन के लिए गुरुद्वारा नानकसर सिंगड़ा में रखा गया है। शुक्रवार को संत राम सिंह जी का संस्कार किया जाएगा। यह भी पढ़ें- सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा फिर पहुंचे आंदोलनरत किसानों के बीच, दिया पूर्ण समर्थन आश्रम के संत समाज से जुड़े अमरजीत सिंह भोला ने कहा कि लगातार ठंड में बैठे बुजुर्ग किसानों और प्रदर्शन कर रहे छोटे बच्चों को देखकर संत बाबा राम सिंह काफी ज्यादा आहत थे और इसी वजह से उन्होंने सुसाइड नोट लिखकर अपनी जान दे दी। अमरजीत सिंह ने कहा कि वो पूरे नानकसर समाज और अनुयायियों की ओर से उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार इस बलिदान को भूलेगी नहीं और जो किसान लगातार धरने पर बैठे हैं उनकी बातें मानी जाएंगी। अमरजीत सिंह ने अनुयायियों से अपील की है कि वो बाबा राम सिंह के संदेश के मुताबिक शांति बनाए रखें। अमरजीत सिंह ने कहा कि उनका आश्रम कभी भी राजनीति से नहीं जुड़ा रहा है लेकिन राजनीतिक लोग बाबा राम सिंह और उनके द्वारा किए गए कामों का काफी सम्मान करते हैं ऐसे में अगर कोई राजनीतिक व्यक्ति बाबा राम सिंह के अंतिम दर्शनों के लिए आता है तो उसे रोका नहीं जाएगा। [caption id="attachment_458539" align="aligncenter" width="700"] जानिए कौन थे बाबा संत राम सिंह, लोगों ने क्यों दिया शहीद का दर्जा?[/caption] इस सबके बीच लोगों मे काफी गुस्सा है। किसानों के हालात को लेकर भी और इस तरह से संत महापुरुष के इस तरह से जाने को लेकर भी लोगों का यही कहना है कि बाबा जी ने शहीदी दी है। किसानों के लिए देश के लिए और उनकी शहीदी व्यर्थ नहीं जाएगी।