कुलभूषण जाधव मामले में इस्लामाबाद HC फैसला, भारत को 13 अप्रैल तक वकील नियुक्त करने के लिए कहा
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को निर्देश दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के अनुरूप कुलभूषण जाधव की मौत की सजा के खिलाफ अपील करने के लिए भारत को वकील नियुक्त करने का एक और अवसर दे।
कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं। पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें ईरान बॉर्डर से किडनेप कर लिया था। इसके बाद उनपर पाकिस्तान में बम धमाके करने का झूठा आरोप लगाते हुए मौत की सजा सुना दी थी। इस पर भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया था। इंटरनेशनल कोर्ट ने उनकी फांसी पर रोक लगा दी थी।
भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच उपलब्ध न कराने पर पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) का दरवाजा खटखटाया था और जाधव की सजा को चुनौती दी थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हेग स्थित आईसीजे ने जुलाई 2019 में एक फैसला दिया था जिसमें पाकिस्तान से कहा गया था कि वह जाधव तक भारत को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराए तथा उनकी सजा की समीक्षा सुनिश्चित करे।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त 2020 में मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह, न्यायाधीश अमीर फारूक और न्यायाधीश मियांगुल हसन औरंगजेब की तीन सदस्यीय बड़ी पीठ का गठन किया था, जिसने बार-बार भारत से जाधव के लिए पाकिस्तान से कोई वकील नियुक्त करने को कहा लेकिन नई दिल्ली यह कहती रही है कि वह जाधव के लिए कोई भारतीय वकील नियुक्त करना चाहती है जिसकी मंजूरी दी जानी चाहिए।
पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने गुरुवार को भारत से जाधव के लिए 13 अप्रैल तक वकील नियुक्त करने को कहा। खान ने अदालत से कहा कि भारत जानबूझकर मामले में देरी कर रहा है ताकि उसे आईसीजे के दरवाजे पर दस्तक देने का मौका मिल सके और शिकायत की जा सके कि पाकिस्तान जाधव को समीक्षा का अवसर प्रदान करने के अपने फैसले का उल्लंघन कर रहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने नवंबर में कहा था कि पाकिस्तान आईसीजे के आदेश के विपरीत जाधव को निर्बाध राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने से इनकार करता रहा है। भारत ने बार-बार पाकिस्तान से आईसीजे के फैसले का अक्षरश: पालन करने का आह्वान किया है।