IIT जोधपुर ने चेस्ट एक्स-रे की मदद से कोविड-19 का पता लगाने की नई टेक्नोलॉजी की डेवलप
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (IIT Jodhpur) के रिसर्चर्स ने कोविड-19 A -Screening के लिए आर्टिफिशियलइंटेलिजेंस (A-I) और एल्गोरिदम चेस्ट एक्सरे पर आधािरित नई टेक्नोलॉजी को डेवलप किया है। जिसे अल्गोरिदम कामिट नेट(algorithm commit net) के नाम से जाना गया है, जिसमे चेस्ट के एक्स-रे के जरिये कोविड संक्रमित और गैर कोविड संक्रमित के फेफड़ों के अंतर को आसानी से जाना जा सकता है।
इसके लिए 2500 टेस्ट एक्स-रे पर शोध कर सटीकता से परिणाम हासिल किए हैं। यह स्क्रीनिंग चेस्ट का एक्स-रे देखकर पता लगा सकते हैं कि व्यक्ति में कोविड-19 संक्रमण है या नहीं।
कोविड का पता लगाने के लिए वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले पीसीआर टेस्ट की जगह ले सकती है। इस एक्सरे तकनीक के माध्यम से न सिर्फ निमोनिया की पहचान होती है, बल्कि यह फेफड़ों के संक्रमण क्षेत्र की पहचान के लिए भी कारगर है। जिससे कि संक्रमण के प्रसार और ऐरिया की पहचान में भी सहायता मिलती है। इससे कोविड संक्रमण और नॉन कोविड पेसंट के बारे में पहचान करने में आसानी रहेगी।
आईआईटी के प्रोफेसर शांतनु चौधरी ने जानकारी दी है कि अब फेफड़े का एक्सरे देखकर संक्रमण का पता लग सकता है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक के आधार पर न केवल कोरोना संक्रमण की पुष्टि करता है बल्कि फेफड़ों में निमोनिया का भी पता लगा सकता है।
शोधकर्ताओं ने कॉमिट नेट नाम से यह एल्गोरिदम एआई का बेस्ट तरीका बताया है। यह कोरोना से प्रभावित फेफड़ो और एक गैर कोविड-19 फेफड़े के बीच तुरंत अंतर पता लगा सकता है। इस नई तकनीक से कोरोना मरीजों को जल्द इलाज मिलना शुरू होगा। अकसर कोरोना टेस्ट में समय लगता है और दूर-दराज में टेस्टिंग की समस्याओं के लिए यह तकनीक काफी उपयोगी सिद्ध हो सकती है। शोधकर्ताओं की मानें तो कोविड-19 चेस्ट के एक्स-रे में आसानी से नज़र आजाता है।
इन सारी समस्याओं को देखते हुए एक्स-रे से संक्रमण का पता लगाने का यह तरीका आईआईटी जोधपुर शोधकर्ताओं द्वारा इजाद किया गया है। इन शोधकर्ताओं में जोधपुर के विजिटिंग रिसर्च स्कॉलर आकाश मल्होत्रा, सुरभि मित्तल, पुष्पा साईं छाबड़ा, मयंक वर्ष, रिचा सिंह, प्रोफेसर शांतनु चौधरी आदि शामिल रहे।