करनाल: शहर के सेवा भारती संस्था की चर्चा इन दिनों पूरे देश में है ,क्योंकि सेवा भारती ने जो लड़ियां बनाई हैं वो न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी जा चुकी हैं...यहां की लड़ियां अयोध्या के राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के दौरान भी मंदिर की शोभा बढ़ा चुकी हैं। और तो और यहां की लड़ियां चीन में बनी लड़ियों तक को टक्कर दे रही हैं। इनकी सप्लाई कनाडा से लेकर ऑस्ट्रेलिया और USA भी हो रही है। एक लड़ी की कीमत 130 से 150 रुपए है।करनाल में इन लड़ियों को सेवा भारती संस्था तैयारी कर रही है, जिससे कई गांवों की 250 परिवार जुड़े हुए हैं, ये परिवार लड़ियां बनाने में एक्सपर्ट हो गए हैं। लड़ियां बनाने का काम जून जुलाई से शुरू हो जाता है और अक्टूबर तक चलता है, अब लड़ियां बननी बंद हो चुकी हैं।
महिलाएं गरीब परिवारों से हैं और ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है। अगर आमदनी की बात की जाए तो महिलाओं को कमीशन बेस पर मेहनताना मिलता है, जिससे उनके परिवार का गुजारा हो जाता है। संस्था के प्रांत उपाध्यक्ष रोशन लाल ने बताया कि सेवा भारती संस्था गरीब समाज के उत्थान के लिए पिछले 45 वर्षों से काम कर रही है। लड़ियों के प्रोजेक्ट से 13-14 गांवों से लगभग 250 परिवार जुड़े हुए हैं और उन्हें गर्व भी महसूस होता है कि हम स्वदेशी अभियान से जुड़े हुए हैं। यहां पर 15 साल से लेकर 70 साल तक की महिलाएं काम कर रही हैं। इसमें ज्यादा पढ़ी लिखी महिलाएं नहीं है। जिस काम को करने से हम डरते हैं, उस काम को महिलाएं अच्छी तरह से कर रही हैं। लड़ियां बनाने के लिए 2 या 3 घंटे की ट्रेनिंग दी जाती है, उसके बाद वे लड़ी बनाने में सक्षम हो जाती हैं।
ये संस्था 1980 से काम कर रही है। करनाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान को शुरू किए हुए 5 साल हो चुके हैं। पहले साल जो लड़ियों का लॉट गया था, उसके बाद आज तक किसी तरह की शिकायत नहीं आई। यहां पर हाथों से ही लड़ियों का काम किया जाता है। इसमें मशीनों का इस्तेमाल नहीं होता। लड़ियों के लिए कच्चा माल अहमदाबाद, दिल्ली और गाजियाबाद से लिया जाता है।
22 जनवरी को जब राम मंदिर का उद्घाटन हुआ था, तब भी यहां से लड़ियां गई थीं और अब देश के अलग अलग राज्यों और विदेशों में भी लड़ियां लोग लेकर गए हैं। करनाल से भोपाल, जम्मू कश्मीर और अन्य राज्यों में भी लड़ियां गई हैं। यहां से लोग अपने रिश्तेदारों को कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूएसए में भी लड़ियां भेज रहे हैं।
करनाल में सेवा भारती का हेड ऑफिस है और हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर उनकी समितियां है। उन समितियों के कार्यकर्ता समाज में स्वदेशी के प्रति सजगता लाते हैं।
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