WFI: खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को किया निलंबित, संजय सिंह नहीं रहेंगे अध्यक्ष
ब्यूरो: भारतीय पहलवान साक्षी मलिक के इस्तीफे और पहलवान बजरंग पुनिया के पद्मश्री लौटाने के बाद केंद्र सरकार जागती नजर आ रही है। केंद्र सरकार ने अब बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है। यहां तक कि कुश्ती संघ के सभी फैसले भी रोक दिए गए हैं। खेल मंत्रालय की इस कार्रवाई के बाद माना जा रहा है कि नवनिर्वाचित संजय सिंह अब कुश्ती संघ के अध्यक्ष नहीं रहेंगे। बता दें कि संजय सिंह बीजेपी सांसद बृजभूषण के करीबी माने जाते हैं।
बता दें कि कल भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव हुए, जिसमें संजय सिंह ने जीत हासिल की। बीजेपी सांसद बृजभूषण के करीबी कहे जाने वाले संजय सिंह पर भारतीय महिला पहलवानों ने वेश्यावृत्ति का आरोप लगाया है और 40 दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया है। भारतीय पहलवानों में संजय सिंह के चुने जाने के बाद
कौन हैं संजय सिंह?
संजय सिंह मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले हैं और बृजभूषण के करीबी माने जाते हैं। दोनों पक्के दोस्त हैं। वह 2008 से कुश्ती से जुड़े हुए हैं। 2009 में जब बृजभूषण यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने तो संजय उपाध्यक्ष थे।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में गुरुवार को संजय सिंह अध्यक्ष पद पर आसान जीत दर्ज करने में सफल रहे। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को हराया। उनके पैनल ने 15 में से 13 जीते। चुनाव नतीजों ने विरोध कर रहे पहलवानों को निराश कर दिया, जिसके बाद ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास ले लिया।
संजय सिंह 40 वोटों से जीते
उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी और राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को सिर्फ सात वोट मिले। आरएसएस से जुड़े संजय वाराणसी के रहने वाले हैं और बृजभूषण के बेहद करीबी सहयोगी हैं। उपाध्यक्ष के चारों पदों पर संजय सिंह के पैनल ने जीत हासिल की।
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