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Himachal में फुटरोट बीमारी से भेड़-बकरियों की मौत, गद्दी चरवाहों को भारी नुकसान

राज्य में फुटरोट बीमारी से गद्दी चरवाहों की भेड़-बकरियों की मौत हो रही है।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Rahul Rana -- October 10th 2024 01:12 PM
Himachal में फुटरोट बीमारी से भेड़-बकरियों की मौत, गद्दी चरवाहों को भारी नुकसान

Himachal में फुटरोट बीमारी से भेड़-बकरियों की मौत, गद्दी चरवाहों को भारी नुकसान

ब्यूरो: राज्य में फुटरोट बीमारी से गद्दी चरवाहों की भेड़-बकरियों की मौत हो रही है। चरवाहों ने कथित तौर पर अपनी भेड़ों के झुंड का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा इस बीमारी के कारण खो दिया है और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। यह बीमारी पिछले कई वर्षों से गद्दी चरवाहों के पशुओं को लगातार प्रभावित कर रही है, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पाया है। सीएसके हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के वैज्ञानिकों द्वारा इस बीमारी के लिए टीका विकसित करने के प्रस्ताव को पिछले चार वर्षों से मंजूरी नहीं मिली है।

कांगड़ा जिले के झंझारदा नछेर गांव के चरवाहे भादर सिंह ने बताया कि इस वर्ष उनकी लगभग 50 प्रतिशत भेड़ें फुटरोट बीमारी के कारण मर गईं। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक बेचारे पशुओं को नहीं बचा सके।


भादर की तरह, राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई अन्य चरवाहों ने भी इस बीमारी के कारण अपनी भेड़ें खो दी हैं। पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सा माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर सुभाष वर्मा हिमाचल में इस बीमारी के प्रकोप का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बीमारी भेड़ और बकरियों में बैक्टीरिया के मिश्रण के कारण होती है। 

उन्होंने कहा, "इस बीमारी से पीड़ित जानवरों के खुर खराब हो जाते हैं और वे चलने में असमर्थ हो जाते हैं। इसलिए, चरवाहों के पास ऐसे जानवरों को बेचने या उन्हें मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है।"

पहले यह बीमारी जम्मू-कश्मीर में प्रचलित थी। हालांकि, अब यह हिमाचल और देश के अन्य हिस्सों में फैल गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान और कई दक्षिणी राज्यों में भी इस बीमारी के फैलने की खबरें हैं।

प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि वर्तमान में इस बीमारी का कोई मानकीकृत उपचार नहीं है। उन्होंने कहा, "हमने पिछले चार वर्षों में कई बार राज्य सरकार को इस बीमारी के लिए वैक्सीन विकसित करने का प्रस्ताव भेजा है। हालांकि, 70 लाख रुपये के प्रस्ताव को अभी मंजूरी मिलनी बाकी है।" उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया के उपभेदों की पहचान करने के लिए एक शोध प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। 

पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय, जम्मू और कश्मीर विश्वविद्यालय और केरल के वैज्ञानिक इस बीमारी पर शोध करेंगे, लेकिन इस परियोजना के लिए कोई धनराशि नहीं मिली है।" घुमतु पशु सभा के अध्यक्ष अक्षय जसरोटिया ने कहा कि इस बीमारी से राज्य में गद्दी चरवाहों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को इस बीमारी के लिए एंटीबायोटिक या वैक्सीन उपलब्ध कराकर गद्दी चरवाहों की मदद के लिए कदम उठाने चाहिए।

कृषि और पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बीमारी के प्रकोप के बारे में सूचित नहीं किया है। उन्होंने कहा, "मैं उनके साथ इस मामले पर चर्चा करूंगा और चरवाहों की मदद करने की कोशिश करूंगा, जो फुटरोट रोग के कारण अपनी भेड़ और बकरियां खो रहे हैं।"

- PTC NEWS

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