ये हैं हिमाचल के Sandalwood Man! लगा चुके हैं चंदन के 5 लाख पौधे
मंडी: कुछ पाने की हसरत हो, तो रास्ते में मुश्किलें जितनी मर्ज़ी आएं फर्क नहीं पड़ता. बस जुनून होता है कुछ कर दिखाने का, कुछ अलग कर दिखाने का. ऐसी ही एक राह पर चल रहे हैं हिमाचल प्रदेश के किसान भूपराम शर्मा. जिन्होंने चंदन की खेती की शुरुआत की और अभी भी और बेहतर खेती करने के लिए शोध कर रहे हैं.
अब तक लगा चुके हैं 5 लाख चंदन के पौधे
मंडी के भूपराम शर्मा को हिमाचल प्रदेश में चंदन की खेती का जनक कहा जाता है, लेकिन भूपराम शर्मा अपने आप को चंदन का सेवक कहते हैं. भूपराम शर्मा प्रदेश में अब तक लगभग पांच लाख चंदन के पौधे तैयार करने में कामयाब हो चुके हैं. भूपराम शर्मा के हिमाचल प्रदेश के अलावा पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में भी प्लांट हैं.
2008 में किया था पहला प्रयास
पीटीसी न्यूज़ ने किसान भूपराम शर्मा के साथ बातचीत की. उन्होंने बताया कि वो साल 2008 में देहरादून से चंदन के बीज लेकर आए और चंदन उगाने की कोशिश की, लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई. इसके बाद वो लगातार देश के कई हिस्सों में पहुंचकर इसका तकनीकी अध्ययन करते रहे और आखिरकार साल 2014 में तत्तापानी में चंदन की नर्सरी तैयार करने में सफलता हासिल की.
भूपराम शर्मा यहीं नहीं रुके, चंदन की खेती को लेकर उन्होंने प्रदेश, राष्ट्रीय स्तर पर वन विभाग के बड़े अधिकारियों से मुलाकात की. भूपराम शर्मा का कहना है कि रोपण के बाद चंदन के पौधे की सफलता दर 10 प्रतिशत तक रहती है पर आमदन अच्छी रहती है. भूपराम शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बर्फ रहित क्षेत्र में चंदन के पौधे को उगाया जा सकता है. भूपराम चंदन का एक साल का पौधा 40 रुपए, जबकि दो साल का पौधा 200 रुपए में किसानों को उपलब्ध करवाते हैं. तीन साल तक अगर पौधा मर जाता है, तो वो फ्री में उसके बदले पौधा किसान को उपलब्ध करवाते हैं. तैयार हुए उत्पादों को भूपराम खुद भी खरीद रहे हैं. भूपराम शर्मा कहते हैं कि चंदन के हर हिस्से का सही इस्तेमाल करेंगे. इसके टहनी, बीज और पत्ती की खरीद होगी. उनका मानना है कि चंदन की खेती कर प्रदेश के किसान आर्थिक तौर पर मज़बूत हो सकते हैं. किसान भूपराम शर्मा ने प्रदेश के किसानों को चंदन की खेती कर अर्थव्यवस्था मज़बूत करने की अपील की है.
- PTC NEWS