200 करोड़ का शानन प्रोजेक्ट हिमाचल को वापस नहीं दे रहा पंजाब, सीएम सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाया मुद्दा
शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, केंद्रीय ऊर्जा व शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल और प्रदेश के अधिकारियों के बीच शिमला में अहम बैठक हुई. बैठक में शानन प्रोजेक्ट पर स्वामित्व, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) में हिमाचल हिस्सेदारी समेत कई अहम विषयों पर चर्चा हुई.
मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि शानन प्रोजेक्ट की 100 साल की लीज खत्म हो चुकी है. इसे लेकर अब पंजाब से बात करके मतभेदों को दूर करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा, पंजाब सरकार शानन प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गई है। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस पर एफिडेविट देगी जिसके लिए पंजाब पुनर्गठन एक्ट का अध्ययन किया जाएगा। सीएम ने भी पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत हिमाचल को उसका हक दिलाने का अनुरोध किया।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा, हिमाचल ऊर्जा राज्य है। कुछ प्रोजेक्ट की समस्या चल रही है. एक विषय हिमाचल सरकार की ओर से फ्री पावर शेयर बढ़ाने का मीटिंग में आया है जिसे लेकर विचार किया गया। इसके बारे में जल्द ही कोई रास्ता निकलने की उम्मीद है।
200 करोड़ के शानन प्रोजेक्ट को वापस नहीं दे रहा पंजाब
गौरतलब है कि 200 करोड़ रुपए की कमाई वाला शानन प्रोजेक्ट पंजाब सरकार हिमाचल को वापस देने को तैयार नहीं है। लिहाजा इसे हिमाचल सरकार ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाया। सीएम सुक्खू ने कहा कि पंजाब ने कोर्ट में जो क्लेम किया है, वह गलत है। यह प्रोजेक्ट हिमाचल को मिलना चाहिए।
वाटर सेस पर बोले केंद्रीय मंत्री
मनोहर लाल ने कहा कि हिमाचल के वाटर सेस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई हुई है। सेस लगाने से देशभर के बिजली उपभोक्ताओं पर असर पड़ता है, ऐसा सुप्रीम कोर्ट का मत है, बाकी फैसला कोर्ट तय करेगा.
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