पराली जलाने के मामलों में पंजाब ने हरियाणा से किया बेहतर प्रबंधन, दर को कम करने में पंजाब से पीछे हुआ हरियाणा, जलाने के मामले पंजाब में ज्यादा !
ब्यूरो: पिछले साल के मुकाबले हरियाणा में पंजाब के मुकाबले कम
पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. यानी पंजाब पराली जलाने के मामले में हरियाणा से
कहीं आगे है. पंजाब में पराली जलाने के मामलों की संख्या हरियाणा से करीब 8
गुणा ज्यादा दर्ज की गई है. आइए आपको बताते हैं कि पिछले साल और
इस साल पंजाब और हरियाणा में कितने पराली जलाने के मामले देखने को मिले हैं.
इस साल की बात करें तो 15 सितंबर से लेकर 26 नवंबर यानी मंगलवार तक पंजाब में
कुल 10,780 मामले पराली जलाने के सामने आए जबकि इसी दौरान
हरियाणा में सिर्फ 1358 मामले दर्ज किए गए.
पिछले साल की अगर बात करें तो इसी अवधि के दौरा्न पंजाब में पराली जलाने के 36,614 मामले सामने आए
जबकि हरियाणा में सिर्फ 2284 मामले दर्ज किए गए. अगर आंकड़ों
को देखें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल पराली जलाने
का दर पंजाब में 70 और हरियाणा में 42 फीसदी
कम हुआ है.
यानी आंकड़ों के हिसाब में पराली जलाने के मामलों की जो दर है
उसमें हालांकि हरियाणा के मुकाबले पंजाब ने बेहतर काम किया है लेकिन ओवरऑल पराली
जलाने के मामले पंजाब में कहीं ज्यादा दर्ज हुए हैं.
हरियाणा में बुधवार तक पराली जलाने के नए मामले सामने आ गए
हैं. सबसे ज्यादा जींद में पराली जले हैं और ये संख्या 208
है जबकि कैथल में 194, सिरसा में 172, कुरुक्षेत्र में 132 और फतेहाबाद में 130 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं 26 नवंबर तक 1086
किसानों पर रेड एंट्री हुई जबकि 625 FIR दर्ज
की गई. साथ ही साथ किसानों का चालान भी लगातार काटा जा रहा है. अब तक 19 लाख 62 हज़ार रुपए का जुर्माना किसानों से वसूला जा
चुका है.
आपको बता दें कि जिन किसानों के खिलाफ रेड एंट्री दर्ज हो जाती
है वे किसान आगामी दो साल तक एमएसपी पर सरकार के पास अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे.
सिर्फ किसानों पर नहीं बल्कि ड्यूटी में कोताही या लापरवाही
बरतने वाले अधिकारियों पर भी सरकार ने जमकर नकेल कसी है. कुल 574
अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी हो चुका है जबकि 26 कर्मचारी निलंबित और 35 कर्मचारियों को चार्जशीट
दिया गया है.
- With inputs from agencies