गवनर्र के भाषण पर विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने आभार व्यक्त किया और सदन के 30 मिनट स्थगन की घोषणा की. राज्यपाल महोदय ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि हरियाणा पानी की बरबादी रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए बुनियादी ढांचे में बदलाव किया गया है. वहीं SYL नहर को पूरा करवाने के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है.
गौरतलब है कि विधानसभा का सत्र 3 दिवसीय होगा, जिसके तहत आज और कल के बाद 18 नवंबर को सत्र का आखिरी दिन रहेगा. शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 1 लाख 28 हज़ार कच्चे कर्मचारियों की 58 साल तक नौकरी सुनिश्चित करने के लिए जॉब सुरक्षा का विधेयक पेश करेंगे, इसके अतिरिक्त सीएम कुछ और बड़ी घोषणाएं भी कर सकते हैं.
सरकार सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को करवाएगी पारित
विधेयकों में हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चिता) विधेयक, हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधक) संशोधन विधेयक, हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन संशोधन विधेयक, हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक, और हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) विधेयक प्रमुख हैं। इन विधेयकों के पारित होने से संविदा कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, सिख गुरुद्वारों के प्रबंधन, शहरी विकास नियमन और ग्राम भूमि के नियमन जैसे मुद्दों पर प्रभाव पड़ेगा।
इसके अतिरिक्त, विपक्ष ने सत्र में बेरोजगारी, परिवार पहचान पत्र से आम जनता को हो रही समस्याएं, नशे की बढ़ती समस्या, गरीबों के लिए बनाई गई कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं की कमी, और राज्य में स्वच्छ पेयजल की कमी जैसे विषयों को भी उठाने का निर्णय लिया है। विपक्ष का कहना है कि ये मुद्दे सीधे तौर पर आम जनता से जुड़े हुए हैं, और इन पर सरकार को ठोस जवाब देना होगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने कार्य सलाहकार समिति का गठन किया है, जिसमें मुख्यमंत्री, संसदीय कार्य मंत्री और विपक्ष के कुछ प्रमुख सदस्य शामिल हैं। यह समिति सत्र की कार्यवाही को सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए जिम्मेदार होगी। इसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, ऊर्जा मंत्री अनिल विज, संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, और इनेलो विधायक अर्जुन सिंह चौटाला को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। वहीं, डिप्टी स्पीकर कृष्ण लाल मिड्ढा और विधायक सावित्री जिंदल को विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया है।
आपको बता दें कि विधानसभा का ये शीतकालीन सत्र बिना नेता विपक्ष के हो रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी में मची खींचतान के चलते कांग्रेस नेता विपक्ष पर अपना फैसला नहीं ले पाई है.