अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर संसद में हंगामा, पवन खेड़ा ने कहा: पीएम मोदी का फुलाया गुब्बारा फुस्स हो गया
अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर गुरुवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक रोकनी पड़ी। हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा की मांग करते हुए विपक्षी दलों के सांसद संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद दोनों सदनों में हंगामा करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही को 3 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।
विपक्ष के हंगामे को देखते हुई इसे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। पूरे विपक्ष ने अडाणी ग्रुप के वित्तीय लेनदेन की जांच संसदीय पैनल (JPC) या सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से कराने की मांग की है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है था कि देश में हो रहे आर्थिक घोटालों को संसद में उठाना हमारा काम है, इसलिए विपक्ष ने सदन में इसके लिए नोटिस दिया था, लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो उसे खारिज कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा, हमने LIC, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में निवेश के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत बिजनेस नोटिस दिया था। खरगे ने कहा कि या तो एक संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट के CJI की देखरेख में एक टीम इसकी जांच करे। एलआईसी (LIC), एसबीआई (SBI) सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जो लोगों का पैसा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जानी चाहिए।
विजय चौक पर विपक्षी पार्टियों ने केंद्र के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि नियमों की अनदेखी कर बीस साल की मेहनत से पीएम मोदी ने एक गुब्बारा फुलाया और वो फुस्स हो गया। पीएम मोदी एकदम चुप हैं। अडानी की कंपनियों पर एलआईसी मेहरबान है। ये हजारों निवेशकों का सवाल है।
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