One Nation, One Election: केंद्र सरकार का बड़ा कदम, पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में पैनल स्थापित
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इसे लेकर एक कमेटी गठन कर दी है। इस कमेटी की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे।
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत सरकार ने इस अवधारणा की व्यवहार्यता का अध्ययन करने और अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने के लिए एक समिति की स्थापना की है। वहीं पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस पैनल का नेतृत्व करेंगे, जो उस गंभीरता को दर्शाता है जिसके साथ सरकार इसपर विचार कर रही है।
सत्र के दौरान 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' से संबंधित विधेयक पेश करने की संभावना के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं। सरकारी सूत्रों द्वारा कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा पूरे देश में एक साथ होने वाले लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव को सिंक्रनाइज़ करने के विचार के इर्द-गिर्द घूमती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने लगातार इस दृष्टिकोण की वकालत की है, यहां तक कि इसे पार्टी के 2014 के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र में भी जगह मिली है।
ऐतिहासिक रूप से भारत ने 1967 तक एक साथ चुनाव कराने की प्रथा का पालन किया, जब चार चुनाव एक साथ आयोजित किए गए। हालांकि, 1968-69 में कुछ राज्य विधानसभाओं को समय से पहले भंग कर दिए जाने के बाद यह प्रथा बाधित हो गई थी। 1971 में पहली बार लोकसभा निर्धारित समय से एक साल पहले ही भंग कर दी गई, जिसके कारण मध्यावधि चुनाव हुए। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा का पता लगाने के मौजूदा कदम का उद्देश्य देश में एक साथ चुनाव फिर से शुरू करने की व्यवहार्यता और संभावित लाभों की जांच करना है।
- PTC NEWS