16 साल बाद आनंद मोहन सिंह सहरसा जेल से हुए रिहा, जानें कौन हैं आनंद मोहन ?
ब्यूरो : बिहार के गोपालगंज डीएम और आईएएस जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन सिंह को जेल से रिहा कर दिया गया है । आपको बता दें कि वह बीते 16 साल से सहरसा जेल में बंद थे। गौरतलब है कि वह 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। बिहार सरकार द्वारा जेल मैनुअल के नियमों में संशोधन के बाद, एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि 14 साल या 20 साल जेल की सजा काट चुके 27 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया गया है।
कौन हैं आनंद मोहन सिंह?
आनंद मोहन सिंह शिवहर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद हैं। 28 जनवरी 1954 को जन्मे, वह सजायाफ्ता हत्यारे, राजनीतिज्ञ और अब मृत बिहार पीपुल्स पार्टी (बीपीपी) के संस्थापक हैं। राजनीति में उनका परिचय जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन में शामिल होने के कारण हुआ, जिसके कारण उन्हें 1974 में कॉलेज छोड़ना पड़ा।
आनंद मोहन को 2007 में 1985 बैच के आईएएस अधिकारी और 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णय्या की हत्या का दोषी ठहराया गया था। उनकी पत्नी लवली आनंद भी लोकसभा सांसद रह चुकी हैं, जबकि उनके बेटे चेतन आनंद बिहार के राजद विधायक हैं।
आनंद मोहन सिंह को दोषी क्यों ठहराया गया?
आनंद मोहन सिंह को मुजफ्फरपुर में 5 दिसंबर, 1994 को गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या में दोषी ठहराया गया था। आनंद मोहन सिंह द्वारा कथित रूप से उकसाई गई भीड़ द्वारा कृष्णय्या की हत्या कर दी गई थी। उन्हें उनकी आधिकारिक कार से बाहर खींच लिया गया और पीट-पीट कर मार डाला गया। 1985 बैच के आईएएस अधिकारी जी कृष्णय्या वर्तमान तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले थे।
आनंद मोहन को निचली अदालत ने 2007 में मौत की सजा सुनाई थी। एक साल बाद पटना उच्च न्यायालय ने सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। मोहन ने तब फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली और वह 2007 से सहरसा जेल में है।
Gangster-turned-politician Anand Mohan Singh released from Bihar's Saharsa jail
Read @ANI Story | https://t.co/BEXMAxRFyU#AnandMohanSingh #Bihar #SaharsaJail pic.twitter.com/OKI7Is44GL — ANI Digital (@ani_digital) April 27, 2023
इस बीच, आनंद सिंह मोहन के जेल से बाहर आने के बाद, जिले के वीर कुंवर सिंह चौक पर पूर्व सांसद आनंद मोहन के स्वागत में पोस्टर लगाए गए। जबकि पूर्व सांसद को जेल से रिहा किए जाने को लेकर विपक्ष की ओर से हंगामा होता रहा है। गैंगस्टर से नेता बने संजय पहले अपने विधायक बेटे चेतन आनंद की सगाई समारोह में शामिल होने के लिए 15 दिनों की पैरोल पर थे। पैरोल की अवधि पूरी होने के बाद वह 26 अप्रैल को सहरसा जेल लौटा था।
- PTC NEWS