मोहित शर्मा खुदकुशी केस: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को दिए निर्देश- IPS स्तर के अधिकारी से करवाई जाए मामले की जांच
महेंद्रगढ़: हरियाणा के पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा पर सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इस मामले में दायर याचिका में हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच IPS अधिकारी से कराई जाए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि मृतक का संस्कार तीन दिन के अंदर किया जाए।
दरअसल लगभग एक महीने से भी अधिक समय से मोहित शर्मा पुत्र कैलाश चंद शर्मा वाशी बाघोत के आत्महत्या के प्रकरण में चला आ रहा विवाद में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने गुरुवार को आदेश पारित कर दिया। बाघोत निवासी कैलाश चंद शर्मा द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में गुहार लगाई गई थी कि उनके पुत्र मोहित शर्मा की आत्महत्या के बाद से लगभग एक महीना 10 दिन से भी अधिक समय से उसका शव सिविल अस्पताल कनीना के शव गृह में रखा हुआ है. उसके पुत्र का शव उनके हवाले करके शिकायत में पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा सहित वर्णित व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए.
हाई कोर्ट के नोटिस पर हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता स्वयं ही अपने पुत्र का शव नहीं ले रहा और विभिन्न पुलिस अधिकारियों के बार-बार शिकायतकर्ता से मिलने के बाद भी शिकायतकर्ता पुलिस के सामने गवाह व सबूत पेश नहीं कर रहा। जिस पर हाई कोर्ट ने याचिका में अंतरिम निर्देश पारित करते हुए याचीकर्ता को निर्देश दिया कि तीन दिन के अंदर-अंदर अपने पुत्र का शव लेकर उसका अंतिम संस्कार करें.
कोर्ट ने इसके साथ ही हरियाणा सरकार को भी निर्देश दिया कि शिकायतकर्ता के आरोपों की जांच आईपीएस स्तर के अधिकारी से करवाए ताकि शिकायतकर्ता को जांच को लेकर कोई शक ना रहे। याचिका को 20 मई तक के लिए स्थगित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि बाघोत निवासी कैलाश शर्मा के पुत्र मोहित शर्मा ने 13 दिसंबर 2024 को आत्महत्या कर ली थी. कैलाश शर्मा ने पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा सहित आठ लोगों पर उनके पुत्र को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था और प्रशासन को चेतावनी थी कि वह जब तक आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करते, वे उनके पुत्र का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
- With inputs from our correspondent