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नवरात्रि का तीसरा दिन: इस मंदिर में माता को दूध से स्नान करवाने का है विशेष महत्व, पूरी होती है सभी मनोकामनाएं!

आज नवरात्रि का तीसरा दिन है. आज के दिन मां चंद्रघंटा की उपासना की जाती है. मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप है. अंबाला में तीसरे नवरात्रि के दिन शहर के ऐतिहासिक दुःख भंजनी मां काली मंदिर में काली मां को भक्तों ने दूध से स्नान करवाया.

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Shagun Kochhar -- March 24th 2023 01:27 PM
नवरात्रि का तीसरा दिन: इस मंदिर में माता को दूध से स्नान करवाने का है विशेष महत्व, पूरी होती है सभी मनोकामनाएं!

नवरात्रि का तीसरा दिन: इस मंदिर में माता को दूध से स्नान करवाने का है विशेष महत्व, पूरी होती है सभी मनोकामनाएं!

अंबाला: आज नवरात्रि का तीसरा दिन है. आज के दिन मां चंद्रघंटा की उपासना की जाती है. मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप है. अंबाला में तीसरे नवरात्रि के दिन शहर के ऐतिहासिक दुःख भंजनी मां काली मंदिर में काली मां को भक्तों ने दूध से स्नान करवाया.

इस वजह से मां का नाम पड़ा है चंद्रघंटा


देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है, इसलिए मां का नाम चंद्रघंटा पड़ा है. माना जाता है कि मां चंद्रघंटा शांति और कल्याण का प्रतीक हैं.

आज के दिन यहां माता को करवाया जाता है दूध से स्नान

वहीं अंबाला में तीसरे नवरात्रि के दिन शहर के ऐतिहासिक दुःख भंजनी मां काली मंदिर मे काली मां को भक्तों ने दूध से स्नान करवाया.  कहा जाता है कि देश में दो ही जगह मां काली को दूध से स्नान करवाया जाता है एक कलकत्ता और दूसरा अंबाला में. दोनों ही जगह साल में दो बार आने वाले नवरात्रि के तीसरे दिन मां को दूध स्नान से करवाया जाता है. दूध से स्नान के बाद उस दूध की खीर बनाकर भक्तों को प्रसाद के रूप में दी जाती है  या भक्त खुद ही दूध को प्रसाद के रूप में घर ले जाते है. ऐसी मान्यता है कि "दूधो नहाओ पूतो फ्लो " की कहावत यहां चरितार्थ होती है. श्रद्धालुओं का कहना है कि तीसरे नवरात्रि पर माता को दूध स्नान करवाने से उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है.

मंदिर में भक्तों की भीड़

इस मंदिर में वैसे तो पूरा साल ही माता के भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन नवरात्रि में इस मंदिर का विशेष महत्त्व है. क्योंकि श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां पर मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है. मंदिर के पुजारी और मंदिर में सेवा कर रहे सेवादारों ने बताया कि ये मंदिर बहुत ही ऐतिहासिक है. नवरात्रि में यहां पर श्रद्धालुओं की सुबह से ही भीड़ लग जाती है और खासकर तीसरे नवरात्रि में श्रद्धालु सुबह सवेरे ही मंदिर पहुंच जाते हैं और माता को दूध स्नान करवाया जाता है. माता के भक्त सुबह से ही अपने घरों से दूध लेकर अपनी बारी का इंतज़ार करते है और माता को दूध स्नान करवाकर अपने आपको धन्य समझते है.

- PTC NEWS

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