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कुमारी सैलजा का केंद्र सरकार पर महंगाई को लेकर बड़ा आरोप- थाली में खाने-पीने की सामान्य सी चीजें जुटा पाना भी बजट से हुआ बाहर !

सैलजा ने आरोप लगाया कि कभी रुपये की गिरावट को लेकर देश बचाने की बात करने वाले नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री काल में आज रुपये में रिकार्ड गिरावट देखी जा रही है।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Baishali -- January 15th 2025 01:37 PM
कुमारी सैलजा का केंद्र सरकार पर महंगाई को लेकर बड़ा आरोप- थाली में खाने-पीने की सामान्य सी चीजें जुटा पाना भी बजट से हुआ बाहर !

कुमारी सैलजा का केंद्र सरकार पर महंगाई को लेकर बड़ा आरोप- थाली में खाने-पीने की सामान्य सी चीजें जुटा पाना भी बजट से हुआ बाहर !

ब्यूरो: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है जिसके चलते महंगाई भी रौद्र रूप धारण करती जा रही है। ऐसे में लोगों की जेब पर भारी असर पड़ रहा है। हालात ये हो गए है कि महंगाई सरकार के नियंत्रण से बाहर होती दिख रही है। सैलजा ने आरोप लगाया कि कभी रुपये की गिरावट को लेकर देश बचाने की बात करने वाले नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री काल में आज रुपये में रिकार्ड गिरावट देखी जा रही है।


मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि वर्ष 2013 में जब डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 54 रुपये थी जब एक भाषण में पीएम मोदी ने कहा था कि रुपये में भारी गिरावट को लेकर देश सरकार से जवाब मांग रहा है, देश को बचाने के लिए देश की जनता को आगे आना होगा। कुमारी सैलजा ने कहा कि आज उन्हीं नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्वकाल में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 86.53 रुपये हो गई है, रुपये में यह गिरावट एक रिकार्ड है। वर्ष 2014 में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 60 रुपये थी।


कुमारी सैलजा ने कहा कि पिछले तीन माह से रुपये में भारी गिरावट जारी है। देश पर कर्ज का पहले ही बोझ था और आने वाले दिनों में कर्ज बढ़ने के आसार लग रहे है। सरकार रेल बेच रही है, सड़क बेच रही है, हवाई जहाज बेच रही है फिर भी कर्ज को बोझ जारी है, बेरोजगारी जारी है।  सरकार रोजगार देने का दावा तो करती है पर सरकार विभागों में आज भी लाखों पद खाली पड़े है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि रुपया गिरने का असर न केवल सरकार पर पड़ता है, बल्कि आम जनता पर भी दिखाई देता है। जब रुपया गिरता है तब आयात महंगा और निर्यात सस्ता हो जाता है। यानि सरकार को विदेशों से सामान खरीदने के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते हैं। फिर चाहे तेल हो या सोना। बात अगर कच्चे तेल की करें तो भारत अपने कुल तेल का 80 फीसदी से ज्यादा आयात करता है।  रुपया गिरने का सबसे ज्यादा नुकसान भारत के लोगों को होता है। इसका सीधा असर जेब पर पड़ता है।

कुमारी सैलजा ने आज देश में दाल, खाद्य पदार्थ, तेल आदि के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। बेलगाम महंगाई पर रोक लगाने में सरकार विफल है। सबसे अधिक दिक्कत गरीब लोगों को हो रही है। वास्तविक मूल्य से अधिक टैक्स वसूला जा रहा है। इस महंगाई के बीच गरीब का बजट हिल चुका है। थाली में खाने-पीने की सामान्य सी चीजें जुटा पाना भी बजट से बाहर हो गया है।  

- With inputs from agencies

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