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आयुष्मान कार्ड को लेकर कुमारी सैलजा का राज्य सरकार पर तीखा हमला, बोलीं- गरीब मरीज़ों के गले की फांस बनती जा रही है ये योजना !

कुमारी सैलजा ने कहा कि आयुष्मान कार्ड धारकों को निजी अस्पताल के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त करवाने के लिए सरकार प्रतिबंधित है, लेकिन हरियाणा में निजी अस्पताल इस योजना के बहिष्कार की चेतावनी देकर गरीबों की धड़कन बढा देते हैं

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Baishali -- November 27th 2024 01:55 PM
आयुष्मान कार्ड को लेकर कुमारी सैलजा का राज्य सरकार पर तीखा हमला, बोलीं- गरीब मरीज़ों के गले की फांस बनती जा रही है ये योजना !

आयुष्मान कार्ड को लेकर कुमारी सैलजा का राज्य सरकार पर तीखा हमला, बोलीं- गरीब मरीज़ों के गले की फांस बनती जा रही है ये योजना !

ब्यूरो: पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश सरकार पर आयुष्मान कार्ड को लेकर तीखा हमला बोला है. सैलजा के मुताबिक एक ओर सरकार दावा कर रही है कि उसकी ओर से आयुष्मान कार्ड धारकों को पांच लाख रुपये तक के नि:शुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है जबकि हकीकत ये है कि सरकार की लापरवाही के कारण ही यह योजना गरीब मरीजों के गले की फांस बनती जा रही है, या तो उन्हें प्राइवेट अस्पताल में इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है या जो डॉक्टर मरीजों का उपचार कर चुके है उन्हें उनके बिल का भुगतान नहीं मिल रहा है। प्रदेश के डॉक्टर कई बार सरकार के खिलाफ आवाज उठा चुके है पर उन्हें केवल आश्वासन देकर शांत करा दिया जाता है जबकि हालात आज तक नहीं सुधरे है, सरकार को इस योजना को लेकर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए ताकि जनता भी सच जान सके।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि  केंद्र और हरियाणा सरकार लगातार गरीब तबके की जनता के लिए आयुष्मान योजना के तहत 05 लाख रुपए तक का इलाज करवा रही है। ऐसे में इस योजना का लाभार्थी प्राइवेट हॉस्पिटल से अपना इलाज करवाता है तो उसका भुगतान सरकार की ओर से किया जाता है। प्रदेश में करीब 1.3 करोड़ कार्ड धारक हैं। इनमें चिरायु हरियाणा के तहत 74 लाख 33 हजार 548 कार्ड और आयुष्मान भारत योजना के तहत 28 लाख 89 हजार कार्ड बनाए गए हैं। आयुष्मान कार्ड धारकों को निजी अस्पताल के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त करवाने के लिए सरकार प्रतिबंधित है, लेकिन हरियाणा में निजी अस्पताल इस योजना के बहिष्कार की चेतावनी देकर गरीबों की धड़कन बढा देते हैं। सरकार समय पर प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इस योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों के बिलों का भुगतान समय पर नहीं करती है। 

 


आयुष्मान योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में कोरोना, कैंसर, गुर्दा रोग, हार्ट अटैक, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, घुटना व कूल्हा ट्रांसप्लांटेशन, बांझपन, मोतियाबिंद समेत अन्य गंभीर बीमारियों का फ्री इलाज किया जाता है।

उन्होंने कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स संचालकों की सरकार से शिकायत है कि सरकार उनके बिलों को कई कई माह यहां तक की साल तक भुगतान नहीं करती है, दूसरे सरकार की ओर जो पोर्टल बनाया गया है उसमें खामियां ही खामियां है, यह पोर्टल ही सबसे बड़ी बाधा है। सैलजा के मुताबिक सरकार के पास जो बिल भेजे जाते है उसमें मनमाने ढंग से कटौती की जाती है, इसमें भ्रष्टाचार की बूं आती है। इतना ही नहीं इस योजना के तहत उपचार करने वाले फिजिशियन को जो भुगतान किया जाता है वह बहुत कम है, आईएमए अपना पक्ष कई बार सरकार के समक्ष रख चुका है पर उन्हें केवल आश्वासन देकर टरका दिया जाता है। सैलजा ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी ही योजना लेकर गंभीर नहीं है

- With inputs from agencies

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