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शिमला -कालका रेलवे की भूतिया सुरंग 'बडोग' में आज भी सुनाई देती हैं चीखें, रात को टनल के आस -पास दिखती है परछाई

सोलन - यूनेस्को विश्व धरोहर में शुमार कालका-शिमला रेलवे ट्रैक में 103 टनल है। इन टनल में बड़ोग (Barog) सबसे डरवानी सुरंग है।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Rahul Rana -- September 26th 2023 11:53 AM
शिमला -कालका रेलवे की भूतिया सुरंग 'बडोग' में आज भी सुनाई देती हैं चीखें, रात को टनल के आस -पास दिखती है परछाई

शिमला -कालका रेलवे की भूतिया सुरंग 'बडोग' में आज भी सुनाई देती हैं चीखें, रात को टनल के आस -पास दिखती है परछाई

शिमला : (पराक्रम चन्द) :  सोलन - यूनेस्को विश्व धरोहर में शुमार कालका-शिमला रेलवे ट्रैक में 103 टनल है। इन टनल में बड़ोग (Barog) सबसे डरवानी सुरंग है। सोलन जिला में स्थित ये सुरंग अंग्रेजों ने बनाई गई थी। इस सुरंग का नाम ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग के नाम पर पड़ा। इसके पीछे कर्नल बड़ोग की दुखभरी कहानी है।

 कहा जाता है कि इस सुरंग को बनाने की जिम्मेदारी ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग को दी गई थी। सुरंग की खुदाई से पहले कर्नल ने पहाड़ का इंस्पेक्शन कर दो छोर पर निशान लगाए और मजदूरों को दोनों छोर से सुरंग खोदने के आदेश दिए। कर्नल बड़ोग का अंदाजा था कि खुदाई करते-करते दोनों सुरंगें बीच में आकर मिल जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


कर्नल बड़ोग की गलती ब्रिटिश सरकार को ठीक नहीं लगी। उन पर सरकार ने पैसे की बर्बादी करने पर 1 रुपए का जुर्माना लगाया। बड़ोग इस बात को लेकर बेहद परेशान हो गए। एक दिन अपने कुत्ते को लेकर सुबह टहलने निकले और सुरंग के नजदीक ही खुद को गोली मार ली।

कर्नल बड़ोग की मौत के बाद 1900 में सुरंग पर एचएस हर्लिंगटन ने फिर से काम शुरू किया और 1903 में सुरंग पूरी तरह तैयार हो गई। ब्रिटिश सरकार ने सुरंग का नाम इंजीनियर के नाम से ही बड़ोग सुरंग रख दिया। 

ऐसा भी कहा जाता है कि एचएस हर्लिंगटन भी इस सुरंग का काम पूरा नहीं कर पा रहे थे। आखिरकार चायल के रहने वाले बाबा भलकू ने इस छड़ी से सुरंग के काम को पूरा करवाया था।शिमला गैजेट के मुताबिक, बाबा भलकू ने इस लाइन पर कई अन्य सुरंगें खोदने में भी ब्रिटिश सरकार की मदद की।

कहा जाता है कि इंजीनियर की मौत के बाद यहां अप्रिय घटनाएं होने लगी थीं। कई लोगों को इंजीनियर की आत्मा दिखाई देने लगी। लोगों ने बाद में यहां मंदिर बनाकर पूजा अर्चना करवाई मगर इसके बावजूद कई लोग ऐसे हैं जो यहां इंजीनियर के चिल्लाने की आवाजें सुन चुके हैं। ज़िले में स्थित एक छोटा सा शहर है। 

पहाड़ों में स्थित बड़ोग, चंडीगढ़-शिमला राजमार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग 5) पर चंडीगढ़ से 60 किमी दूर है। बड़ोग सुरंग, जिसे सुरंग नंबर 33 के नाम से भी जाना जाता हैं। 1143.61 मीटर लंबी यह सुरंग से आज भी लोग खौफ खाते है.यह दुनिया की सबसे सीधी सुरंग है, जिसे पार करने में ट्रेन अढाई मिनट का समय लगाती है।

- PTC NEWS

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