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Himachal: "काला-पानी" के रूप में जाना जाने वाला पांगी, अब पर्यटकों के लिए बना हॉटस्पॉट, सड़क व सुरंग ने लगाए पर्यटन को पंख

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Rahul Rana -- January 10th 2024 12:29 PM
Himachal:

Himachal: "काला-पानी" के रूप में जाना जाने वाला पांगी, अब पर्यटकों के लिए बना हॉटस्पॉट, सड़क व सुरंग ने लगाए पर्यटन को पंख

पराक्रम चन्द : चंबा: वर्ष में अधिकतर बर्फ़ से ढकी रहने वाली पांगी घाटी को हिमाचल के "काला पानी" के रूप में जाना जाता था। इस जगह पर पहुंचने के लिए दुर्गम क्षेत्र किलार से होकर जाना पड़ता है। जो 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। लेकिन अब पांगी की तस्वीर बदलने के साथ लोगों की तक़दीर बदलने लगी है। 

टनल बनने से पहले बर्फ़बारी के दौरान आपातकालीन में मात्र हेलीकॉप्टर राशन और अन्य आपूर्ति की के लिए किलाड़ पहुंचने का एकमात्र जरिया था। पांगी को उदयपुर-केलांग -रोहतांग दर्रे से जोड़ने वाली सड़क के निर्माण से उम्मीद जगी है। अब रोहतांग सुरंग पांगी के मूल निवासियों और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए वरदान बन गई है। 


पांगी में पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी हैं। जो शुद्ध जलवायु सुंदरता, विशिष्ट संस्कृति और पहाड़ों का सुंदर दृश्य देखने यहां पहुंच रहे है। लोगों ने अपनी कृषि आय के अलावा होटल और होमस्टे को अपने जीवन यापन जरिया बनाना शुरू किया है। आतिथ्य स्वरोजगार का सबसे बड़ा स्रोत बन रहा है। 

हालांकि इस क्षेत्र का बड़ा हिस्सा सर्दियों में  बर्फबारी के दौरान छह से सात महीने तक दुनिया से कट जाता है। जम्मू और कश्मीर की सीमा से सटे पांगी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन विकास अधिकारी ने बताया कि पांगी अनुमंडल के दूरदराज के गांवों में 25 से ज्यादा नए होमस्टे पंजीकृत हैं। इनमें फाइंडरू, फाइंडपर, साच, सेचु, चास्क, चास्क भटोरी, सहाली, कुमार भटोरी, शौर, अजोग, पूर्ति, थमोह और किलर गांव शामिल हैं।

स्थानीय विधायक जनक राज का करना है की रोहतांग से पांगी की तस्वीर बदली है। लेकिन अभी भी कई मूलभूत सुविधाओं पर काम करना बाकी है। पांगी में आने वाले पर्यटकों में मुख्यत पड़ोसी राज्यों सहित पश्चिम बंगाल, गुजरात और अन्य राज्यों के पर्यटक आते हैं। 

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