हिमाचल सरकार ने पेश किया लोकलुभावन बजट, प्रधान-उपप्रधानों का बढ़ाया वेतन, मनरेगा मज़दूरों की बढ़ाई दिहाड़ी
शिमला: प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार के कार्यकाल का तीसरा बजट प्रस्तुत किया. इस बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गई है. प्रदेश की सुक्खू सरकार ने इस बजट में पंचायती राज के प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की है. की गई घोषणाओं में जिला परिषद अध्यक्ष को अब 25000 रुपए मिलेंगे वहीं उपाध्यक्ष को 19000 और सदस्यों को 8300 हर महीने मिलेंगे।
सीएम ने कहा कि पंचायत परिषद अध्यक्ष को 12000 रुपए और उपाध्यक्ष को 9000 रुपए मिलेंगे जबकि पंचायत प्रधान को 7500, उप प्रधान को 5100 और वार्ड सदस्य को प्रति बैठक 1050 रुपए मिलेंगे। वहीं मनरेगा की दिहाड़ी 20 रुपए से बढ़कर अब 330 रुपए कर दी गई है।
सीएम ने कहा कि रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए फूड वैन खरीदने पर भी अब सब्सिडी मिलेगी. वही 10 लाख रुपए की फूड वैन पर तीन लख रुपए की सब्सिडी मिलेगी। सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि स्टार्टअप योजना भी शुरू की जा रही है जिससे युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने में सहायता मिलेगी। वहीं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होमस्टे और होटल बनाने के लिए भी सरकार अब मदद करेगी। गैर जनजातीय क्षेत्रों में होमस्टे और होटल बनाने पर चार फ़ीसदी ब्याज पर और जनजातीय क्षेत्र में पांच फ़ीसदी ब्याज पर सरकार कर्ज भी देगी।
सीएम ने कहा कि कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार का काम भी तय समय में पूरा होगा और इसके लिए 3000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सीएम ने कहा कि जमीन अधिग्रहण के बाद काम शुरू हो जाएगा. वहीं 78 नई इको टूरिज्म साइट्स भी विकसित की जाएंगी। सरकार का लक्ष्य अगले 5 सालों में इको टूरिज्म से 200 करोड़ रुपए की कमाई करनी है।
सीएम सुक्खू ने अपने संबोधन के दौरान किसानों के लिए भी कई बड़ी घोषणाएं कीहैं। कृषि लोन में फंसी जमीन के नीलामी रोकने के लिए एक नई योजना लाने का प्रस्ताव दिया गया है। वहीं मछुआरों से अब सिर्फ 7.5 फ़ीसदी रॉयल्टी ली जाएगी जो पहले 15 फीसदी थी। सीएम ने घोषणा की कि 120 नई ट्राउट इकाइयां स्थापित की जाएगी जबकि मछुआरों को नई नाव के लिए 60 फ़ीसदी तक का अनुदान मिलेगा। सीएम ने कहा कि 100 गांव में सिंचाई योजना शुरू होगी और किसानों के लिए 1500 प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे।
जहां तक बागवानी की बात है तो सीएम ने घोषणा की कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके तहत सबसे पहले यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल किया जाएगा। शिव परियोजना में 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे वहीं प्राकृतिक खेती से हल्दी उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा। हमीरपुर में स्पाइस पार्क स्थापित होगा।
प्राकृतिक खेती से उत्पादित कच्ची हल्दी का समर्थन मूल्य 90 रुपए प्रति किलो प्रस्तावित किया गया है। प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपए प्रति किलो होगा। गेहूं का समर्थन मूल्य 60 रुपए प्रति किलो होगा वहीं भैंस का दूध 61 रुपए और गाय के दूध की 51 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीद होगी। सीएम के मुताबिक ये सभी योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होंगी.
- With inputs from agencies