हिमाचल स्कूली शिक्षा व्यवस्था में समाप्त हो सकती है टर्म परीक्षा
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड टर्म परीक्षा व्यस्था को समाप्त कर सकता है। राज्य की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधार व एकरूपता बनाए रखने के मकसद से हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष एवं कांगड़ा के जिलाधिकारी निपुण जिंदल और शिक्षा बोर्ड सचिव विशाल शर्मा के साथ बैठक की है। स्कूल शिक्षा बोर्ड जल्द ही इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजेगा। इस बैठक में परीक्षा की कॉपी की जाँच करने वाले और बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी देने वाले शिक्षकों की मानदेय बढाने पर भी विचार किया गया।
पेपर चेकिंग में 10वीं और 12वीं के लिए क्रमश: 9.50 व 11.50 रुपये बढ़ाए गए। इस बैठक में बोर्ड के राज्य अध्यक्ष विरेंदर चौहान ने शिक्षा, शिक्षक और बच्चों से जुड़े 29 सूत्री एजेंडे को बोर्ड मंडल के समक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने राज्य भर से राजधानी शिमला में शिक्षा संबंधी कार्यों के लिए आने के लिए शिक्षक भवन निर्माण की मांग भी राखी। बोर्ड सीबीएसई की तरह टर्म परीक्षा व्यवस्था को समाप्त करके वार्षिक परिक्षा प्रणाली शुरू करने की मांग की। बोर्ड में सभी तरह के विषयों के विशेषज्ञ नियुक्त करने और परीक्षाओं में सभी प्रश्न केवल एनसीईआरटी पुस्तकों से ही पूछे जाने का सुझाव दिया। इसके अलावा भाषा विषयों में व्याकरण के प्रश्न 15 अंक के बजाय 20 अंक का रखे जाने की बात कही गई।
देश में भर में सत्र 2023से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू होने जा रही है । इसलिए अब स्कूली शिक्षा में कई तरह से बदलाव देखने को मिलेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू होने पर स्कूलों में 5 3 3 4 सिस्टम को लागू किया जाएगा। शिमला। केंद्रीय विद्यालयों में पहली कक्षा में नए सत्र के लिए प्रवेश को पोर्टल अभी खुलना है ।
- PTC NEWS