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Haryana CM Swearing-In Ceremony: हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए इन 15 विधायकों के नाम किए शॉर्ट लिस्ट

हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कवायद शुरू कर दी है। मंत्रिमंडल के लिए 15 विधायकों के नाम शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Deepak Kumar -- October 15th 2024 06:50 PM
Haryana CM Swearing-In Ceremony: हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए इन 15 विधायकों के नाम किए शॉर्ट लिस्ट

Haryana CM Swearing-In Ceremony: हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए इन 15 विधायकों के नाम किए शॉर्ट लिस्ट

ब्यूरोः हरियाणा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर हैं। नायब सैनी एक बार फिर सरकार के मुखिया के रूप में 17 अक्टूबर को शपथ लेंगे। इसको लेकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कवायद शुरू कर दी है। मंत्रिमंडल के लिए 15 विधायकों के नाम शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं। शॉर्ट लिस्ट किए गए भाजपा विधायकों में 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। वहीं, शॉर्ट लिस्ट किए गए विधायकों का नाम फाइनल करने से पहले भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी प्रोफाइल मंगाई है।

 जो चेहरे शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं, उनमें नायब सैनी के अलावा अनिल विज, राव नरबीर सिंह, विपुल गोयल, मूलचंद शर्मा, कृष्णा गहलावत, कृष्णलाल पंवार, हरविंदर कल्याण, रणबीर गंगवा, महिपाल ढांडा, बिमला चौधरी, लक्ष्मण यादव, घनश्याम सर्राफ, आरती राव और श्रुति चौधरी शामिल हैं।


राव नरबीर सिंह

बादशाहपुर सीट से चुनाव जीते राव नरबीर सिंह अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता कहे जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी रहे हैं। पूरे इलाके में राव नरबीर ही इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपने दम पर न केवल हाईकमान से सीधे टिकट हासिल की, बल्कि इस इलाके में सबसे बड़ी जीत भी दर्ज की है। नरबीर सिंह 2014 में मनोहर लाल खट्‌टर की सरकार में पावरफुल कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके सीधे हाईकमान से अच्छे संबंध है।

अनिल विज  

मनोहर लाल के बाद हरियाणा में दूसरा बड़ा पंजाबी चेहरा। अंबाला कैंट से लगातार विधायक बन रहे हैं। भाजपा के पुराने नेताओं में से एक हैं। मनोहर सरकार में गृहमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहे।

लक्ष्मण यादव 

लक्ष्मण यादव रेवाड़ी सीट से चुनाव जीते है। वह 2019 में कोसली से विधायक चुने गए थे। राव इंद्रजीत सिंह और संगठन दोनों की पसंद की वजह से उन्हें टिकट मिला। अहीरवाल इलाके में यादवों की वोट एक तरह से एक तरफा भाजपा के पक्ष में पड़ा।

आरती राव

राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने अटेली से चुनाव जीता है। पिछले 3 चुनाव में अटेली में भाजपा उम्मीदवार ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। इलाके में खुद के प्रभाव के चलते ही राव इंद्रजीत सिंह ने बेटी को टिकट दिलाया। 

विपुल गोयल  

फरीदाबाद से विधायक चुने गए हैं। मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में उद्योग मंत्री रहे। कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करने का अच्छा अनुभव। गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर के करीबी नेताओं में से एक हैं।

मूलचंद शर्मा

भाजपा में ब्राह्मणों के सबसे बड़े चेहरे के रूप में पंडित रामबिलास शर्मा का नाम आता था, लेकिन 2019 में उनके चुनाव हारने के बाद उनके ही रिश्तेदार बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा को मनोहर लाल के दूसरे टर्म में परिवहन मंत्री बनाया गया। मूलचंद शर्मा लगातार तीसरी बार इस सीट से विधायक चुने गए हैं।

कृष्णा गहलावत  

कृष्णा गहलावत राई से विधायक बनी हैं। राजस्थान के राजनीतिक मिर्धा परिवार में रिश्तेदारी है। जाट और महिला दोनों का फायदा मिलेगा। इनको राज्य मंत्री बनाया जा सकता है।

श्रुति चौधरी

तोशाम विधानसभा सीट पर भाजपा से श्रुति चौधरी ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर उनका मुकाबला अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी से था। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से सांसद रही श्रुति चौधरी को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था। इसके बाद वे अपनी मां किरण चौधरी के साथ बीजेपी में शामिल हो गईं। ऐसे में श्रुति चौधरी कैबिनेट में मंत्रीपद के मजबूत दावेदारी मानी जा रही है।

हरविंदर कल्याण

ये रोड़ समाज से आते हैं। प्रदेश की घरौंडा सीट से इन्होंने जीत दर्ज की है। 2019 में भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। मनोहर लाल खट्‌टर के बाद नायब सैनी के कार्यकाल में भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए थे, इस बार इस समाज को बीजेपी नई सरकार में प्रतिनिधित्व देना चाहती है, इसलिए दावेदारी मजबूत है।

कृष्णपाल पंवार  

दलित समाज से आने वाले दूसरे बड़े नेता हैं। राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा देकर पानीपत की इसराना विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा और जीते। इनको मंत्री बनाकर दलितों को साधने का प्रयास किया जाएगा।

महिपाल ढांडा  

पानीपत ग्रामीण से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। जाट समाज से आते हैं। पिछली टर्म में पंचायत मंत्री रहे। इस बार भी इनकी दावेदारी इसलिए मजबूत है क्योंकि यह पूर्व सीएम मनोहर लाल के करीबी भी हैं और उनके संसदीय क्षेत्र से आते हैं।

बिमला चौधरी  

राव इंद्रजीत के नजदीकी होने व महिला होने का फायदा बिमला चौधरी को मिल सकता है। वह रिजर्व सीट से विधायक चुनी गई हैं। ऐसे में तीनों चीजें इनके लिए प्लस पॉइंट रह सकती हैं। इंद्रजीत के कोटे से हर बार एससी विधायक मंत्री बनता है। पिछली बार बनवारी लाल इंद्रजीत के कोटे से मंत्री बने थे।

रणबीर गंगवा  

हरियाणा में बड़ा ओबीसी चेहरा हैं। कुम्हार समाज से आते हैं। हरियाणा में ओबीसी वर्ग को साधने का काम किया। जगह-जगह सम्मेलन व कार्यक्रम किए। बरवाला से पहली बार कमल खिलाया। मनोहर और नायब सरकार में डिप्टी स्पीकर के पद पर रहे।

घनश्याम सर्राफ

भिवानी से लगातार चार बार विधायक हैं। 2014 में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर के कार्यकाल में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वैश्य समाज से आते हैं। बीजेपी ने इस चुनाव में 36 बिरादरी को साथ लेकर चलने का वादा किया है, ऐसे में उनके अनुभव को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व उन्हें राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकता है।

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