प्रदेश की नायब सरकार पर पूर्व सीएम हुड्डा के तीखे पलटवार, बोले- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की नीति पर चल रही है बीजेपी सरकार !
चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह
हुड्डा का कहना है कि 10 साल सत्ता में रहने के बावजूद अब तक बीजेपी के पास बताने
के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। जबकि कांग्रेस ने प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार देने और कानून व्यवस्था
में हरियाणा को नंबर वन राज्य बनाया था। ऐसे में 10 साल पहले की कांग्रेस सरकार पर
बीजेपी आज सवाल उठा रही है। ये तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात हो गई है।
हुड्डा अपने आवास पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को विकास में नंबर वन बनाया
था। जबकि भाजपा ने गरीबी में नंबर वन बना दिया है। खुद सरकारी आंकड़े बताते हैं कि
आज हरियाणा की 70% आबादी गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गई है। यह बीजेपी सरकार की
नाकामी का स्पष्ट रिपोर्ट कार्ड है। बीजेपी को बताना चाहिए कि उसके विकास के दावों
और किसानों की डबल आय के वादों का क्या हुआ? अगर भाजपा कार्यकाल में
विकास हुआ है तो फिर इतनी बड़ी आबादी गरीब कैसे हो गई?
राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि उसमें ना
किसी तरह का विजन था और ना ही भविष्य के लिए कोई रोड मैप था। सरकार ने नई बोतल में
पुरानी शराब पेश की है। अभिभाषण पर चर्चा में मुख्यमंत्री ने जो जवाब दिया वह भी
जनता और विपक्ष के सवालों को संतुष्ट करने वाला नहीं था। उदाहरण के तौर पर, सरकार
का कहना है कि प्रदेश में डीएपी की कोई कमी नहीं है। अगर ऐसा है तो फिर किसानों की
इतनी लंबी-लंबी कतारें क्यों लगी हुई है? क्यों एक-एक बैग
खाद के लिए किसानों को इतना इंतजार करना पड़ रहा है।
सच्चाई यह है कि सरकार ने समय रहते खाद का स्टॉक नहीं रखा।
सरकार के पास एक लाख मिट्रिक टन का स्टॉक होना चाहिए था। लेकिन उसके पास सिर्फ
53000 मिट्रिक टन का ही स्टॉक था। यही वजह है कि बीजेपी राज में थानों के भीतर खाद
बंटती है। भविष्य में यूरिया को लेकर भी सरकार की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही और
आशंका है कि जब किसानों को यूरिया की जरूरत पड़ेगी, तब भी यही हाल
होगा। किसानों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय सरकार पराली का बहाना लेकर उन
पर केस और जुर्माना थोप रही है। जबकि सरकार को पराली की एमएसपी निर्धारित करके
उसकी खरीद करनी चाहिए और किसानों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें इस समस्या का
समाधान देना चाहिए।
भर्ती घोटालों पर बोलते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि
उन्होंने बाकायदा विधानसभा में एक व्हाट्सएप चैट साझा की थी। उस वक्त सरकार ने
उसकी जांच की हांमी भरी थी। लेकिन आज तक जांच नहीं हुई। एचपीएससी के कार्यालय में
डिप्टी सेक्रेटरी रंगे हाथों लाखों रुपए के साथ पकड़े गए और एचएसएससी के दफ्तर में
कई कर्मचारी भर्ती रिजल्ट के साथ छेड़छाड़ करते पकड़े गए। उनसे पूछताछ में स्पष्ट
हुआ कि हर भर्ती को लाखों रुपए लेकर बेचा गया। बावजूद इसके सरकार ने इस जांच को
आगे नहीं बढ़ाया। ना ही यह बताया कि पूरे मामले में किस अधिकारी पर क्या कार्रवाई
हुई है?
किसे क्या सजा मिली है और कौन-कौन सी भर्तियों में घोटाले हुए थे?
सरकार को बताना चाहिए कि पकड़े गए लोगों ने कौन-कौन सी नौकरियों को
पैसे लेकर बेचा था।
हरियाणा की अलग विधानसभा के मुद्दे पर हुड्डा ने कहा कि
सरकार को चंडीगढ़ पर अपना हक नहीं छोड़ना चाहिए। चंडीगढ़ में 40% हिस्सेदारी
हरियाणा की है। इसलिए मौजूदा विधानसभा के साथ ही नई विधानसभा का निर्माण होना
चाहिए,
ना कि कहीं दूर दूसरी जमीन पर। साथ ही पंजाब के साथ पानी और हिंदी
भाषी क्षेत्र के मुद्दे पर भी पुरजोर तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए और हरियाणा को
उसका हक लेना चाहिए।
- With inputs from agencies