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Delhi Air Pollution: दिल्ली में AQI 274 पर पहुंचा, दिवाली और छठ पूजा से पहले यमुना नदी में झाग

19 अक्टूबर को दिल्ली में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 274 दर्ज किया गया। दूसरी ओर, दिल्ली में यमुना नदी में सफेद झाग की मोटी परत जमी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Deepak Kumar -- October 19th 2024 10:44 AM
Delhi Air Pollution: दिल्ली में AQI 274 पर पहुंचा, दिवाली और छठ पूजा से पहले यमुना नदी में झाग

Delhi Air Pollution: दिल्ली में AQI 274 पर पहुंचा, दिवाली और छठ पूजा से पहले यमुना नदी में झाग

ब्यूरो: आज यानी 19 अक्टूबर को दिल्ली में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 274 दर्ज किया गया। सर्दियों के करीब आने के साथ दिल्लीवासियों को आज सुबह ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ा, जिससे शहर की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी रही। मौसम विभाग ने शनिवार को आसमान साफ ​​रहने का अनुमान लगाया है।

दिल्ली-एनसीआर में क्षेत्रवार आंकड़ों की सूची इस प्रकार है:

आनंद विहार- 334

बवाना- 366

द्वारका- 343

जहांगीरपुरी- 353

मुंडका- 372

नोएडा- 226

फरीदाबाद- 209

यमुना नदी में सफेद झाग की जमी मोटी परत 

दूसरी ओर, दिल्ली में यमुना नदी में सफेद झाग की मोटी परत जमी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है, खासकर दिवाली और छठ पूजा के त्यौहारों के मौसम के दौरान। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में नदी के बड़े हिस्से में झाग बनते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो पानी के ऊपर बादलों की तरह दिखाई दे रहे हैं, जो दिन में धीरे-धीरे छंट गए। वहीं, अधिकारियों ने इस समस्या से निपटने के लिए पहले ही डिफोमर्स का छिड़काव शुरू कर दिया है और सरकार स्थिति को संभालने और हल करने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रही है।

यमुना नदी में प्रदूषण गंभीर चिंता का विषयः रावत 

साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल (एसएएनडीआरपी) के एसोसिएट कोऑर्डिनेटर भीम सिंह रावत ने मीडिया को बताया कि आमतौर पर यमुना के ऊपरी हिस्से में बाढ़ की स्थिति बहुत गंभीर होती है, लेकिन इस साल हाल ही में समाप्त हुए दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान ऐसी कोई स्थिति नहीं आई। रावत ने कहा कि यह असामान्य है, क्योंकि नदी में हर साल इस हिस्से में कम से कम दो बार या मध्यम बाढ़ आती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नदी में प्रदूषण मानव स्वास्थ्य और वन्यजीवों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर चिंता है। रावत ने कहा कि नदी में कुछ प्राकृतिक सफाई क्षमता है, लेकिन प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इस साल मानसून के दौरान देखा गया सफेद झाग त्योहारों के समय और अधिक ध्यान देने योग्य हो जाता है।


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