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कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने जगजीत डल्लेवाल की गिरफ्तारी का किया विरोध, बोलीं- सरकार एटीट्यूड बदले वरना सरकार ही बदल देंगे किसान !

कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान पहले भी आंदोलनरत था और आज भी आंदोलनरत है पर भाजपा सरकार अपने वायदों पर खरी नहीं उतरी है, सच तो ये है कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा किसान उपेक्षा का शिकार है। किसान आज भी खाद-बीज और अन्य सुविधाओं के लिए लाइनों में लगा हुआ है

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Baishali -- November 26th 2024 02:54 PM
कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने जगजीत डल्लेवाल की गिरफ्तारी का किया विरोध, बोलीं- सरकार एटीट्यूड बदले वरना सरकार ही बदल देंगे किसान !

कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने जगजीत डल्लेवाल की गिरफ्तारी का किया विरोध, बोलीं- सरकार एटीट्यूड बदले वरना सरकार ही बदल देंगे किसान !

ब्यूरो:  कांग्रेस महासचिव, पूर्व केद्रीय मंत्री व सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने जगजीत डल्लेवाल की गिरफ्तारी का विरोध किया है. सैलजा ने चेताया है कि सरकार ने अगर अपना रवैया न बदला तो एक दिन देश का किसान सरकार ही बदलकर रख देगा। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि किसान पहले भी आंदोलनरत था और आज भी आंदोलनरत है पर भाजपा सरकार अपने वायदों पर खरी नहीं उतरी है, सच तो ये है कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा किसान उपेक्षा का शिकार है। किसान आज भी खाद-बीज और अन्य सुविधाओं के लिए लाइनों में लगा हुआ है।


मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि अगर भाजपा सरकार अपने ही आंकड़ों को देखकर उसे दोगुना करने की बात कर रही है तो क्या किसानों के साथ अन्याय और धोखा नहीं है? हालात ये है कि  किसान के लिए एक महीना गुज़ारना मुश्किल है, उसे नहीं पता अगले महीने या फिर पांच महीने बाद वो क्या करेगा। किसान जानता है कि भाजपा सरकार एक  जुमलेबाज सरकार है। केंद्र सरकार की तानाशाही के चलते अन्नदाता किसान चौतरफा संकटों से घिरा हुआ है। यह सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह उदासीन है। भाजपा सरकार में पूरे सिस्टम पर भ्रष्टाचार और अकर्मण्यता हावी है। किसानों को लेकर हमेशा इस सरकार का रवैया उपेक्षापूर्ण रहा है। 

उन्होंने कहा है कि सरकार किसानों को आश्वासन देने के बजाए उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक कदम उठाए, किसानों से जो भी वायदे किए गए थे उन्हें पूरा किया जाए और जो भी  समस्याएं शेष है उन्हें बातचीत के जरिये सुलझाया जाए, किसानों को एक मंच पर बुलाकर बातचीत की जाए। उन्होंने कहा कि एक ओर किसान धरना प्रदर्शन कर अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहता है तो दूसरी ओर आवाज उठाने पर किसानों को गिरफ्तारी कर उन्हें जेल में डाला जाता है या लाठियां भांजकर उनकी आवाज दबाई जाती है।

- With inputs from agencies

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