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हिमाचल भवन मामले में बोले सीएम सुक्खू, उचित उपाय सुनिश्चित करेगी सरकार

सीएम सुक्खू ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार ने इस पर मजबूती से अपना पक्ष नहीं रखा

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Baishali -- November 19th 2024 07:02 PM
हिमाचल भवन मामले में बोले सीएम सुक्खू, उचित उपाय सुनिश्चित करेगी सरकार

हिमाचल भवन मामले में बोले सीएम सुक्खू, उचित उपाय सुनिश्चित करेगी सरकार

शिमला: हिमाचल भवन मामले में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने आज साफ किया है कि प्रदेश सरकार इस पर उचित कानूनी उपाय सुनिश्चित करेगी ।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार इस मामले की पुरजोर वकालत करेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना वर्ष 2009 में कम्पनी को प्रदान की गई थी और तत्कालीन ऊर्जा नीति के अनुसार कंपनी द्वारा विद्युत परियोजना स्थापित करने अथवा इसकी स्थापना में विफल रहने पर राज्य सरकार को भुगतान किए गए अग्रिम प्रीमियम को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन ऊर्जा नीति के तहत राज्य को प्रति मेगावाट 10 लाख रुपये भुगतान करने का प्रावधान था तथा प्रतिस्पर्धी बोली के दौरान मैसर्ज मोजर बियर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने न्यूनतम 20 लाख रुपये प्रति मेगावाट की बोली लगाई और 64 करोड़ रुपये का अग्रिम प्रीमियम जमा करवाया।



सीएम ने कहा कि कंपनी को इस नीति के प्रावधानों की जानकारी थी।  सीएम ने कहा कि तत्कालीन ऊर्जा मंत्री विद्या स्टोक्स के कार्यकाल के दौरान विधायक के रूप में मैंने नीति को तैयार करने में योगदान दिया था। 

उन्होंने कहा कि 320 मेगावाट की सेली हाइडल इलैक्ट्रिक परियोजना के संबंध में हिमाचल प्रदेश सरकार, मैसर्ज मोजर बेयर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स सेली हाइड्रो इलैक्ट्रिक पावर कंपनी के बीच 22 मार्च 2011 को त्रिपक्षीय पूर्व कार्यान्वयन समझौता किया गया था।

वर्ष 2017 में कंपनी ने परियोजना को वित्तीय रूप से व्यवहार्य न बताते हुए परियोजना को सरेंडर कर दिया था और सरकार ने नीति के अनुसार आवंटन रद्द कर दिया और अग्रिम प्रीमियम राशि को जब्त कर लिया था। 

सीएम सुक्खू ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विधानसभा चुनाव-2022 के दृष्टिगत 5000 करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटी। उन्होंने इसे राज्य के संसाधनों की नीलामी बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य प्रदेश के हितों की मजबूती से रक्षा कर रही है। सरकार अडानी के मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष मजबूती से राज्य का पक्ष रखने में सफल हुई जिसके फलस्वरूप प्रदेश सरकार के पक्ष में निर्णय आया। उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच के प्रदेश के पक्ष में नहीं आए निर्णय को पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में चुनौती नहीं दी गई। वर्तमान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की डबल बेंच के समक्ष मामले की पैरवी की और हाईकोर्ट की डबल बेंच से प्रदेश के पक्ष में फैसला आया जिससे राज्य की 280 करोड़ रुपये की बचत हुई।

जय राम ठाकुर के इस मामले में शीर्ष वकीलों की सेवाओं लेने के बयान की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जय राम सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान प्रदेश हित के मामलों की लगातार अनदेखी की गई और इन्हें मजबूती से प्रस्तुत नहीं किया गया। अपने कार्यकाल के दौरान जयराम ठाकुर प्रदेश के हितों को ताक में रखकर फ्रीबीज में व्यस्त रहे और उनकी सरकार प्रशासनिक व कानूनी क्षेत्रों में विफल रही। 

- With inputs from agencies

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