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सदन में सीएम सैनी का फिर दिखा वही आत्मविश्वास ! बोले- डबल इंजन की सरकार 3 गुणा गति से आगे बढ़ने के लिए है तैयार !

सीएम ने सदन में कहा कि विधानसभा चुनावों में हमारी जीत किसान, पहलवान, गरीब, वंचितों, बुजुर्गों और युवाओं की जीत है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग जनता के फैसले से पहले ही सरकार बनाकर बैठे थे, मंत्रालय भी बंट गए थे, वे वहम में थे। लेकिन जनता ने उनका हिसाब बराबर कर दिया

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Baishali -- November 15th 2024 12:28 PM
सदन में सीएम सैनी का फिर दिखा वही आत्मविश्वास ! बोले- डबल इंजन की सरकार 3 गुणा गति से आगे बढ़ने के लिए है तैयार !

सदन में सीएम सैनी का फिर दिखा वही आत्मविश्वास ! बोले- डबल इंजन की सरकार 3 गुणा गति से आगे बढ़ने के लिए है तैयार !

ब्यूरो: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के उपरांत अपना जवाब देते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन की सरकार 3 गुणा गति से आगे बढ़ने के लिए तैयार है। विकसित भारत में निश्चित तौर पर हरियाणा का बड़ा योगदान और पहचान होगी।  उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में हमारी जीत किसान, पहलवान, गरीब, वंचितों, बुजुर्गों और युवाओं की जीत है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग जनता के फैसले से पहले ही सरकार बनाकर बैठे थे, मंत्रालय भी बंट गए थे, वे वहम में थे।  लेकिन जनता ने उनका हिसाब बराबर कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 2 लाख नौकरियां देने का जो वायदा किया है, उसे हम पूरा करेंगे।


मुख्यमंत्री ने सदन में हरियाणा लोक सेवा आयोग के संबंध उठाये गए प्रश्न के संबंध में जवाब देते हुए कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग के माध्यम से वर्ष 2005 से 2014 तक कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में केवल 3593 युवाओं को नौकरियां दी गई, जबकि 2014 से 2024 तक वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान 7676 युवाओं की नौकरियां लगी हैं। हमारी सरकार में पारदर्शी तरीके से मेरिट के आधार पर नौकरियां दी जा रही हैं। आज गरीब का बेटा एचसीएस अधिकारी लग रहा है।  



मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 में परानी न जलाने के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से 120 करोड़ रुपये की राशि एक लाख 10 हजार किसानों को दी गई। इस वर्ष 11 लाख 21 हजार एकड़ भूमि का किसानों ने अब तक पंजीकरण किया है। पंजीकरण के लिए पोर्टल 30 नवम्बर तक खुला है। दिसम्बर के पहले सप्ताह में सभी किसानों को 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। पराली सहित अन्य फसलों के अवशेषों के उपयोग के लिए फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 268 करोड़ 18 लाख रुपये की राशि की वार्षिक कार्य योजना के लिए मंजूर की गई है। इसमें 161 करोड़ रुपये केंद्र सरकार तथा 107 करोड़ रुपये की व्यवस्था राज्य सरकार ने की है।उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए राज्य में 8 हजार 117 सुपरसीडर और 1727 गांठ बनाने वाली इकाइयां प्रदान की गई हैं। वर्ष 2018-19 से अब तक 1 लाख 882 मशीनें किसानों को सब्सिडी पर दी जा चुकी हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न प्रदूषण को रोकने के लिए वर्ष 2018 से अब तक प्रदेश में 6,794 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किये गए हैं। उपकरणों पर कस्टम हायरिंग सेन्टर को 50 प्रतिशत तथा व्यक्तिगत किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। राज्य के किसानों को अब तक 721 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में प्रदान किये जा चुके हैं।उन्होंने कहा कि उद्योगों को पराली की निर्बाध आपूर्ति करने के लिए सप्लाई चेन हेतु 25 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। अब तक उद्योगों से 110 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने धान की जगह दूसरी फसलों की खेती को प्रोत्साहन देकर पराली की मात्रा भी कम की है। इसके लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना चलाई जा रही है और इस योजना की सफलता के परिणामस्वरूप प्रदेश में धान के रकबे में लगभग 2 लाख एकड़ की कमी आई है। इस योजना के तहत धान क्षेत्र में अन्य फसलें बोने पर 7,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जाता है। चालू वित्त वर्ष में 33 हजार 712 किसानों ने 66 हजार 181 एकड़ भूमि का पंजीकरण फसल विविधिकरण के लिए करवाया है। इसके अलावा, गौशालाओं में पराली की गठरों की ढुलाई के लिए 500 रुपये प्रति एकड़ दिए जाते हैं। एक गौशाला को अधिकतम 15 हजार रुपये की राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि पराली की खरीद हेतु 2500 रुपये प्रति टन की दर निर्धारित की गई है। इसमें गांठ बनाने से लेकर परिवहन तक का खर्च शामिल है। 20 प्रतिशत से कम नमी वाली पराली की खरीद 500 रुपये प्रति टन की दर से अतिरिक्त भुगतान का प्रावधान भी किया गया है।



उन्होंने कहा कि  खेतों में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद एवं जींद में बायोमास परियोजनाएं स्थापित की हैं, जिनसे 30 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है। पराली का उपयोग जैव ईंधन में भी किया जा रहा है। इसे बढ़ावा देने के लिए पानीपत रिफाइनरी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 अगस्त, 2022 को 2जी इथेनॉल प्लांट का लोकार्पण किया था। उन्होंने कहा की सदस्य पराली पर राजनीति न करें। हर सदस्य अपने इलाके में किसानों को समझाएं कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाये और पराली न जलाएं


मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेशवासियों की जान और माल की सुरक्षा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस संदर्भ में किसी भी व्यक्ति से, कभी भी, कोई भी शिकायत प्राप्त होती है, तो उस पर राज्य पुलिस को तुरंत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दे रखे हैं। अपराधियों के मनसूबों को ध्वस्त करने के लिए राज्य सरकार हरदम तत्पर थी, तत्पर है और तत्पर रहेगी। जो भी व्यक्ति प्रदेश में कानून को तोड़ने का इरादा रखता है, उसे बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सदन में आंकड़े साझा करते हुए कहा कि वर्ष 2005 में प्रदेश में 784 हत्याएं हुई थीं। वर्ष 2014 में 1106 हत्यायें हुई थी। इस तरह कांग्रेस के 10 साल में प्रदेश में हत्याओं के मामलों में 3.5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हुई। वर्ष 2023 में हत्याओं की संख्या 1056 थी। इसका अर्थ है कि वर्तमान राज्य सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में हत्याओं में वृद्धि नहीं हुई, बल्कि 0.51 प्रतिशत की कमी आई। यदि इन आंकड़ों को प्रति एक लाख जनसंख्या की दर पर देखा जाये तो वर्ष 2014 में प्रदेश में हत्या दर 9.13 थी, जो वर्ष  2024 में घटकर 3.21 प्रतिशत रह गई है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 10 सालों में डकैती, लूट, सेंधमारी, छीना झपटी में लगातार भारी वृद्धि हुई थी। जबकि, राज्य सरकार ने इन सब अपराधों की वृद्धि पर नियंत्रण किया है। इस तरह डकैती एवं लूट की घटनाओं में जहां वर्ष 2005 से 2014 तक क्रमशः 6.93 तथा 8.40 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हुई। वहीं, इन अपराधों में वर्ष 2014 से 2024 के दौरान 6.72 और 0.67 प्रतिशत की दर से कमी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने डायल वन वन टू (112) की व्यवस्था विकसित की।  आज 112 व्यवस्था के कारण किसी भी नागरिक को त्वरित पुलिस सहायता मिल रही हैं। 112 पर रिस्पांस टाइम अब 7 मिनट से भी कम है।  प्रदेश में आपराधिक गिरोहों के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एस.टी.एफ. का गठन किया है। एस.टी.एफ. ने इस वर्ष अक्तूबर तक कुल 327 अपराधिक गिरोहों का सफाया किया है। 388 मोस्ट वांटेड को पकड़ा हैं। इसके अतिरिक्त हमारी सरकार ने 33 महिला पुलिस स्टेशन स्थापित किये हैं। साथ ही, हरियाणा पुलिस में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जो अब पुलिस बल का 10 प्रतिशत से अधिक हो गई है। साइबर अपराधों के खिलाफ लड़ाई में हरियाणा पुलिस ने महत्वपूर्ण व सराहनीय सफलता अर्जित की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मादक पदार्थों के सेवन के विषय को बहुत ही गम्भीरता से लिया है। नशे के कारोबार को जड़ से उखाड़ने और युवावर्ग को इससे बचाने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 2020 में हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो का गठन किया गया था। वर्ष 2021 से 7 नवम्बर, 2024 तक हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो और हरियाणा पुलिस द्वारा 13 हजार 52 अभियोग दर्ज किए गए तथा 19 हजार 670 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वर्ष 2024 में 25 नशा तस्करों की 7 करोड़ 4 लाख रुपये की सम्पत्ति को जब्त व फ्रीज किया गया है। अब तक कुल 108 नशा तस्करों की 52 करोड़ 72 लाख रुपये की सम्पत्ति को जब्त व फ्रीज किया जा चुका है.

- With inputs from agencies

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