हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बच्चों ने की सरकार की मेजबानी, विधानसभा में गूंजे बाल विधायकों के सवाल
शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा आज यानि सोमवार को ऐतिहासिक अवसर का गवाह बनी। आज पहली बार बाल विधानसभा सत्र (बाल विधानसभा सत्र) आयोजित किया गया। जिसके लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यों के मंत्री, अध्यक्ष, मुख्य सचेतक और संसदीय सचिव शामिल हुए। यह सभी बच्चे चुने गए हैं।
हालांकि हिमाचल प्रदेश वास्तव में एक महिला मुख्यमंत्री पाने में विफल रहा है। लेकिन बाल विधानसभा में मुख्यमंत्री के रूप में एक लड़की रही। डिजिटल बाल मेला द्वारा हिमाचल प्रदेश विधानसभा के तत्वावधान में सोमवार को 'बाल सत्र' का आयोजन किया गया । पहली बार राज्य विधानसभा में 68 चयनित बाल विधायक बने। हिमाचल प्रदेश विधान सभा 'बाल सत्र' के लिए एक विशेष प्रक्रिया के माध्यम से बच्चों की सरकार बनाई गई है। विधानसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री समेत मुख्यमंत्री, राज्य मंत्री और संसदीय सचिव के नामों पर मुहर लगी है।
बच्चों के इस विशेष सत्र के लिए लविश नेगी को अध्यक्ष, राघव कल्ला को उपाध्यक्ष, रुहानिका वर्मा को नेता प्रतिपक्ष और हरिओम गुप्ता को उपनेता प्रतिपक्ष चुना गया। 68 बाल विधायकों में से 13 कैबिनेट मंत्री, 3 राज्य मंत्री, 4 संसदीय सचिव चुने गए। मंत्रालय गठन की प्रक्रिया के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सभी चयनित बच्चों से स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने मुलाकात की। इस दौरान कुलदीप सिंह पठानिया ने बच्चों की कैबिनेट के साथ तस्वीर खिंचवाई।
अध्यक्ष ने बाल सत्र के अध्यक्ष को विधायी प्रक्रिया की बारीकियां समझाईं और शिमला के विधानसभा भवन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में भी विस्तार से बताया। कुलदीप सिंह पठानिया ने बच्चों को बताया कि आजादी से पहले शिमला विधानसभा में विट्ठलभाई पटेल जैसे महान देशभक्तों ने इस सदन में अध्यक्ष पद की गरिमा को बढ़ाया।
आपको बता दें कि इस मौके पर सुंदरनगर की जाह्नवी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी। इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू भी मौजूद रहे ।
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