विश्व जल दिवस पर कैच द रेन योजना का हुआ शुभारंभ, सीएम ने जल संरक्षण में योगदान देने वालों को भी किया पुरस्कृत
जल शक्ति मंत्रालय, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से 22 मार्च 2025 को विश्व जल दिवस पर बहुप्रतीक्षित जल शक्ति अभियान ’ कैच द रेन - 2025’ का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का आयोजन पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम के सेक्टर 3 स्थित मल्टीपर्पज हॉल में किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, सिंचाई और जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी सहित कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।जल संरक्षण पर कलात्मक अभिव्यक्तियों को प्रदर्शित करने वाली एक पेंटिंग और मूर्तिकला प्रदर्शनी का लोकार्पण किया। वैज्ञानिक जल संसाधन प्रबंधन में सहायता करने वाली ‘मुख्यमंत्री जल संचय योजना’ और हरियाणा के लिए जल संसाधन एटलस का ई-लॉन्च किया। हरियाणा में सामुदायिक स्वच्छता परिसर, तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, गोबरधन परियोजना और एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शेड सहित अभिनव जल प्रबंधन परियोजनाओं का अनावरण भी किया।
नदियों, झरनों और जंगलों के बीच पारिस्थितिक संबंध को मजबूत करने वाले ‘जल-जंगल-जनरू एक प्राकृतिक बंधन अभियान’ का शुभारंभ भी किया। जल संरक्षण में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रगतिशील किसानों, महिलाओं, जल उपयोगकर्ता संघों (डब्ल्यूयूए), उद्योगों और गैर सरकारी संगठनों को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार भी दिए गए।
’’जल संचयन जन भागीदारी - जन जागरूकता की ओर’’ की थीम वाला यह अभियान जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जल चुनौतियों के मद्देनजर जल सुरक्षा, वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण के महत्व को रेखांकित करता है। यह पहल देश भर के 148 जिलों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इससे जल संसाधनों के स्थायी प्रबंधन को सुनिश्चित करने में सरकारी एजेंसियों, समुदायों और हितधारकों के बीच अधिक तालमेल को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी और नवीन रणनीतियों के माध्यम से जल संरक्षण और प्रबंधन पर बल देना है। उन्होंने मूर्तिकला व पेटिग की सराहना करते हुए कहा कि सभी कलाकारों ने अपनी कलाकृतियों से जल का महत्व बताया है। जल का महत्व क्या है इसी की जागरूकता के लिए सरकार काम कर रही है। पानी की आपूर्ति के लिए दूसरे राज्यों को ध्यान रखना है। जल संचय की जॉब को निभाना है। प्रधानमंत्री ने कैच द रैन की बात कही । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भले तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए होगा लेकिन भारत को इसमें जाने की आवश्यकता नहीं। किसी भी घर में फ्लोराइड वाटर नहीं मिलता है। जल जीवन मिशन के तहत 4 लाख लोगों को डायरिया से बचाव किया गया है। शुद्ध पानी मिले जल जीवन का प्रबंधन किया हुआ है। जन्उ ही चारों मुख्यमंत्री को मिलकर पानी की समस्या को दूर किया जाएगा।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने कहा कि जल शक्ति अभियंत्री जल संचय, जन भागीदारी, जन आंदोलन में परिवर्तन करने का आहवान् कर रहा है। जन जागृति के कारण 8 लाख 56 हजार अलग अलग स्ट्रक्चर जन भागीदारी के साथ जुड़े हैं। हरियाणा ें एक प्रगतिशील राज्य है। लेकिन जल की समस्या यहां भी है। यहां भी काफी शहर व ब्लाॅक डाॅर्कजोन में है। जलशक्ति मंत्रालय जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अटल भूजल योजना को हरियाणा सरकार के साथ मिलकर लागू किया जाएगा जिससे डाॅर्कजोन वाले क्षेत्रों में पानी की आर्पूित को बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि जल संरक्षण एक क्रांति है जिसकी शुरुआत हरियाणा से की गई है। प्रधानमंत्री ने जिस प्रकार सामाजिक मुद्दों की चेतनता का काम हरियाणा से किया है। उन्होंने कहा कि पानी जीवन का एक स्रोत है। पानी की कमी को हरियाणा ने महसूस किया है। भूजल, जल स्रोतों की सीमाएं भी हैं पर वर्षा के जल को संभालना हम सब की जिम्मेदारी है। ’’मेरा पानी मेरी विरासत योजना’’ का मकसद है आने वाली पीढ़ियों को बंजर भूमि नहीं मिले बल्कि उन्हें पानी देकर जाएं। भारत में 4 प्रतिशत का जल है परन्तु 18 प्रतिशत आबादी है। प्रकृति में संरक्षण की जरूरत है।आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संचय को बढ़ाया जायेगा। किसानों को कम पानी वाली फसलें लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। आर्थिक मदद की जा रही है। तालाबों के जीर्णोद्धार किया जा रहा। उन्होंने हरियाणावासियों से आहवान् किया कि हम सबने पानी की एक एक बंद को बचा कर उसका संरक्षण करना है। जल मित्र बनकर जल को बचाने में सहायक बनना है।
सिंचाई एवं महिला बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, यह अभियान जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हर बूंद अनमोल है, हर प्रयास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम सभी का संयुक्त प्रयास ही इस अभियान की सफलता की कुंजी है। इसीलिए मिलकर जल बचाएँ और भविष्य सुरक्षित करें।
इस पहल का उद्देश्य कला और संस्कृति के माध्यम से जन संवाद, चिंतन और क्रियाशीलता को प्रोत्साहित करना है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में जल संरक्षण एक जन आंदोलन बन चुका है। कैच द रेन जैसे अभियानों ने देशभर में जल के महत्व को लेकर नई सोच और जागरूकता को जन्म दिया है। प्रधानमंत्री जी द्वारा बार-बार जल संरक्षण पर दिए गए संदेशों से प्रेरित होकर आज समाज के सभी वर्ग, विशेष रूप से युवा और महिलाएं, जल संरक्षण के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
महिला जल योद्वा रानी देवी ने बेहतर जल प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने में अपने संघर्षों को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने गांव की जल एवं स्वच्छता समिति में सक्रिय भागीदारी निभाई, फील्ड टेस्टिंग किट्स (थ्ज्ज्ञे) का उपयोग कर जल गुणवत्ता की जांच की, और अन्य महिलाओं को भी इसका प्रशिक्षण देकर यह सुनिश्चित किया कि पीने के पानी की गुणवत्ता बनी रहे।
- With inputs from our correspondent