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विनेश-बजरंग की हुड्डा गुट से दूरी, आखिर कैसी मजबूरी! पदभार संभालने पर सैलजा की मौजूदगी और हुड्डा का किनारा

कुश्ती के अखाड़े से राजनीति के दंगल में आए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने सभी को चौंका दिया है। दरअसल, मंगलवार, 22 अक्टूबर को बजरंग पूनिया ने दिल्ली में ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभाला। इस दौरान उनके साथ सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा मौजूद रहीं।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Md Saif -- October 23rd 2024 11:17 AM
विनेश-बजरंग की हुड्डा गुट से दूरी, आखिर कैसी मजबूरी! पदभार संभालने पर सैलजा की मौजूदगी और हुड्डा का किनारा

विनेश-बजरंग की हुड्डा गुट से दूरी, आखिर कैसी मजबूरी! पदभार संभालने पर सैलजा की मौजूदगी और हुड्डा का किनारा

ब्यूरो: कुश्ती के अखाड़े से राजनीति के दंगल में आए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने सभी को चौंका दिया है। दरअसल, मंगलवार, 22 अक्टूबर को बजरंग पूनिया ने दिल्ली में ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभाला। इस दौरान उनके साथ सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा मौजूद रहीं। लेकिन जब दोनों ने कांग्रेस पार्टी के साथ राजनीति की शुरुआत की थी, तब दोनों हुड्डा गुट के काफी करीबी थे। चुनाव के दौरान भी विनेश फोगाट के लिए दीपेंद्र हुड्‌डा प्रचार करते दिखे थे।


क्या है पूरा मामला?

1. विधानसभा चुनाव से पहले विनेश और बजरंग दोनों राजनीति में आए थे और कांग्रेस पार्टी से जुड़कर सियासी पारी की शुरुआत की थी। यहां तक कि शुरू ही दोनों पहलवान हुड्डा गुट के काफी करीबी रहे हैं।

2. कहा जाता था कि दोनों को राजनीति में लाने में दीपेंद्र हुड्‌डा का बड़ा योगदान है। विधानसभा चुनाव से पहले विनेश-बजरंग हुड्‌डा ग्रुप के साथ रहे। चुनाव के दौरान भी विनेश फोगाट के लिए दीपेंद्र हुड्‌डा प्रचार करते दिखे।

3. लेकिन जब 22 अक्टूबर को बजरंग पूनिया ने दिल्ली में ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभाला, तो उस दौरान उनके साथ सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा मौजूद रहीं।

4. यह चौंकाने वाला इस वजह से है, क्योंकि हरियाणा कांग्रेस में हुड्‌डा और सैलजा गुट आपस में विरोधी हैं।

आपको बता दें कि कांग्रेस के हरियाणा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के भीतर गुटबाजी को बड़ी वजह बताया जाता है। चुनाव के दौरान दोनों गुटों के बीच गुटबाजी साफ दिखती थी। वहीं चुनाव के बाद सैलजा गुट चुनाव हारने के लिए हुड्डा गुट को जिम्मेदार बता रहे हैं। इसके बाद भी बजरंग को पदभार संभालते वक्त दीपेंद्र हुड्‌डा की गैरमौजूदगी से कई तरह की नई बहसों को जन्म दिया है। लेकिन इसे लेकर बजरंग पूनिया की तरफ से कहा गया कि भूपेंद्र हुड्‌डा हमारे सीनियर नेता हैं। आगे भी हम उनके नेतृत्व में काम करते रहेंगे।

- PTC NEWS

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