अनिल विज ने किया साफ, चंडीगढ़ पर पंजाब का हक तब होगा जब पंजाब, हरियाणा को देगा उसका हिंदी क्षेत्र !
ब्यूरो: हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. सुबह 11
बजे से सदन की कार्यवाही जारी है. स्पीकर ने शुरू में ही कह दिया था
कि आज भी राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा जारी रहेगी. अब आइए देखते हैं अब तक की
अपडेट क्या है.
हरियाणा विधानसभा में एक बार फिर चंडीगढ़ का मामला गूंजा है. भाजपा नेता सुनील जाखड़ और बिजली मंत्री अनिल विज इस मुद्दे पर आमने सामने नज़र आए. अनिल विज ने जाखड़ पर पलटवार करते हुए कहा कि चंडीगढ़ पर पंजाब का हक तब होगा जब वह हरियाणा को हिंदी क्षेत्र सौंप देंगे. दरअसल अनिल विज ने सदन से बाहर निकलकर प्रेसवार्ता की और इसी दौरान उन्हें अपने मंतव्य रखे. विज ने कहा कि जब तक पंजाब, हिंदी क्षेत्र वापस नहीं देगा तब तक हरियाणा का चंडीगढ़ पर हक बना रहेगा. साथ ही अनिल विज ने कहा कि पंजाब, बंटवारे पर बना एग्रीमेंट लागू करे. विज के मुताबिक पंजाब के नेता प्रदेश की राजनीति के लिए दे रहे हैं इस प्रकार के अनर्गल बयानबाज़ी कर रहे हैं.
सदन की बात करें तो विधायक भारत भूषण बत्रा के बयान की वजह से भाजपा
विधायकों ने काफी हंगामा किया. बीबी बत्रा ने कहा था कि भाजपा को EVM की पूजा करनी चाहिए, बत्रा के इसी बयान पर भाजपा
विधायकों ने हंगामा किया. बत्रा ने कहा कि बीजेपी ने ये चुनाव साम, दाम, दंड, भेद की नीति पर लड़ा
है, बत्रा ने आरोप लगाया कि
बीजेपी ने ये चुनाव पैसे के दम पर लड़ा है, जनता ने भी EVM
पर सवाल उठाए हैं. साथ ही बत्रा ने चुनाव की तारीख बदलने पर भी सवाल
खड़े किए.
दूसरी ओर बीजेपी विधायक तेजपाल तंवर ने सरकार के दस सालों के
कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान किया. उन्होंने कहा कि सरकार हरियाणा के युवाओं को
बिना पर्ची खर्ची के नौकरी दे रही है. साथ ही गांवों में सफाई के लिए कर्मचारियों
की संख्या में बढ़ोत्तरी करने की मांग भी तंवर ने रखी.
पुन्हाना से कांग्रेस विधायक मोहम्मद इलियास ने कहा कि सरकारी कर्मचारी राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके इलाके में पानी की बहुत किल्लत है. सरकार ने वहां पंप भी लगाया लेकिन वो चलता नहीं. अधिकारी वहां लाइट की आपूर्ति भी पूरी नहीं करते जो कि गलत है.
कांग्रेस विधायक रघुबीर कादियान ने कानून व्यवस्था पर सवाल
खड़े किए. कादियान के मुताबिक प्रदेश में गैंगस्टर खुलेआम घूम रहे हैं,
व्यापारियों से फिरौतियां मांगी जा रही है, सरकार
फिर भी चुप है.
- With inputs from our correspondent