अडानी समूह को 280 करोड़ लौटाने के मामले का 9 मार्च को हिमाचल हाईकोर्ट में होगी सुनवाई, बातचीत से समाधान की कोशिश में सरकार
शिमला। अडानी समूह को ब्याज सहित 280 करोड़ रुपए लौटाने के मामले में अब 9 मार्च सुनवाई होगी। फिलहाल सरकार बातचीत से मामला हल करने की कोशिश में लगी हुई है। सरकार चाहती है कि प्रदेश पर आर्थिक बोझ न पड़े, इसके लिए बातचीत से मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने हिमाचल हाईकोर्ट में बताया है कि सरकार मैसर्स अदाणी पावर लिमिटेड के साथ बातचीत करके हल निकालने की कोशिश कर रही है। दरअसल, मैसर्स अदाणी पावर लिमिटेड को 9 फीसदी ब्याज के साथ 280 करोड़ रुपए की अग्रिम प्रीमियम राशि का भुगतान किया जाना है। सरकार की मंशा है कि प्रदेश सरकार को इससे आर्थिक नुकसान ना होने पाए।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अपने एक फैसले में अडानी समूह को ब्याज सहित 280 करोड़ रुपए लौटाने का आदेश प्रदेश सरकार को दिया था। यह आदेश जंगी-थोपन-पोवारी विद्युत परियोजना के लिए जमा किए गए 280 करोड़ रुपए लौटाने के लिए दिए गए थे। इस पर सरकार की ओर से हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई थी।
मामले कुछ इस प्रकार है कि अक्टूबर, 2005 में प्रदेश की सरकार ने 980 मेगावाट की दो हाइड्रो-इलेक्ट्रिक परियोजनाओं के लिए जंगी-थोपन-पोवारी पावर के संबंध में निविदा जारी की थी। मैसर्स ब्रैकेल कॉर्पोरेशन ने परियोजनाओं के लिए सबसे ज़्यादा बोली लगाई थी। ऐसे में, ब्रैकेल कॉर्पोरेशन ने अपफ्रंट प्रीमियम के रूप में 280.06 करोड़ रुपये की धनराशि सरकार के पास जमा कर दी थी। मैसर्स ब्रैकेल कॉर्पोरेशन मैसर्स अदाणी पावर लिमिटेड का कंसोर्टियम पार्टनर है। ऐसे में जब राज्य सरकार ने परियोजनाओं की फिर से बोली लगाने का फैसला किया, तो ब्रैकेल कॉर्पोरेशन ने राज्य सरकार के पास जमा अपनी धनराशि को ब्याज के साथ लौटाने का अनुरोध किया।
- PTC NEWS