गुरुग्राम: हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने नगर निगम की निष्क्रियता पर सख्त नाराजगी जताई है। दरअसल गुरुग्राम शहर की 54 इमारतें खतरनाक घोषित हुई पड़ी हैं लेकिन नगर निगम ने इन पर कोई ठोस कार्रवाई अभी तक नहीं की है। ऐसे में मानवाधिकार आयोग ने नगर निगम आयुक्त और मुख्य अभियंता को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जवाब देने का निर्देश दिया है।
आपको बता दें कि 10 फरवरी, 2022 को गुरुग्राम की चिंटल पैराडाइसो सोसायटी की बहुमंजिला इमारत का एक हिस्सा गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई थी जबकि एक व्यक्ति घायल भी हुआ था। इस घटना के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। इस मामले में अभी तक दो चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं, जिसमें 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, 183 खतरनाक इमारतों की पहचान की गई थी, जिनमें से 152 इमारतों का निरीक्षण किया गया। इनमें से 80 इमारतें खतरनाक पाई गई थीं, लेकिन हालिया रिपोर्ट में यह संख्या घटकर 54 हो गई है। 15 इमारतों का अब तक निरीक्षण नहीं किया गया है। यानी ये दर्शाता है कि नगर निगम इस गंभीर मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
मानवाधिकार आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा के मुताबिक आयोग के आदेशानुसार, नगर निगम को चेतावनी दी गई है कि अगर इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो इसे सार्वजनिक सुरक्षा से समझौता करने के रूप में देखा जाएगा। इस मामले में अब अगली सुनवाई 20 मई को होगी। इसमें गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त और मुख्य अभियंता को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।