हेयांश बना विश्व का सबसे कम उम्र का पर्वतारोही, साढ़े 3 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक पहुंचा
गुरुग्राम/नीरज वशिष्ठ: कहावत हैं कि व्यक्ति ठान ले तो बड़े बड़े पहाड़ भी चढ़ सकता है। वास्तव में जो सभी संघर्षों को पार करके बुलंदियों तक पहुंचता है दुनिया उसी को सलाम करती है। वह दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाता है। गुरुग्राम के हेयांश ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है।
हेयांश की उम्र महज 3 साल 7 महीने है। हेयांश ने महज इतनी छोटी उम्र में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर पहुंचकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड 4 साल 4 माह के एक बच्चे अद्विवत गोलेचा के नाम था।
गुरुग्राम के गांव बाबरा बकीपुर में मध्यम वर्गीय किसान परिवार में जन्म हेयांश उर्फ हन्नी विश्व के सबसे कम उम्र का पर्वतारोही बन कर सुर्खियों में आया। हेयांश ने इतनी कम उम्र में माउंट एवरेस्ट बेस कैंप की चढ़ाई कर अद्भुत दृढ़ निश्चय का प्रदर्शन किया है। माउंट एवरेस्ट का बेस कैम्प समुद्र तल से 5364 मीटर की ऊंचाई पर है।
हेयांश कुमार ने हिमाचल प्रदेश में अपना औपचारिक प्रशिक्षण पूरा किया। इसके बाद 23 अप्रैल 2022 को अपने पिता मंजीत कुमार के साथ यह यात्रा शुरू की। हेयांश के पिता मंजीत कुमार ने बताया कि जब हेयांश मां के गर्भ में था, तभी से उन्होंने तय किया था कि बेटा पैदा हो या बेटी, उसे बहुत ही स्ट्रॉन्ग बनाएंगे। उसी हिसाब से उसकी मां को खान-पान किया गया।
हेयांश के परिवार के अनुसार यदि कोविड की दूसरी लहर नही आती तो हेयांश एवरेस्ट की चढ़ाई को ढाई वर्ष की उम्र में ही फतेह कर देता, क्योंकि हेयांश को इससे पहले अप्रैल 2021 में इस चढ़ाई के लिए माउंट एवरेस्ट के लिए जाना था, जिसके लिए बकायदा फ़्लाइट व तमाम तैयारियां हो गई थी, लेकिन फ्लाइट पर जाने से पहले जब हेयांश की कोविड जांच की गई तो है हेयांश कोविड पॉजिटिव आया। इसके चलते वह उस वक्त अपने इस मिशन पर नहीं जा सका और कोविड काल के चलते 1 वर्ष का समय बीत गया।
हेयांश के पिता मंजीत कुमार ने अभी तक उनके बेटे को जंक फूड की कोई जानकारी नहीं है। उसे हमेशा नेचर से जोड़कर रखा। वो अपने खेतों में कभी भी यूरिया का इस्तेमाल नहीं करते। केवल ऑर्गेनिक खेती कर अपने परिवार व बच्चे की डाइट का ख्याल रखते हैं। हालांकि इस कारण से उन्हें फसल उत्पादन में काफी नुकसान हुआ, लेकिन अपने सपने को साकार करने के लिए उन्होंने हर मुश्किल को पार किया।