टैस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट से हारेगा कोरोना, स्वास्थ्य विभाग इस फॉर्मूले पर कर रहा काम
झज्जर। (प्रदीप धनखड़) देश की राजधानी दिल्ली से सटे झज्जर जिले में कोरोना को हराने के लिए स्वास्थ्य विभाग थ्री टी फार्मूले पर काम कर रहा है। यानि अब स्वास्थ्य विभाग टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट के जरिये कोरोना से जंग लड़ रहा है। अब रोजाना झज्जर जिले के 17 स्वास्थ्य सेंटरों में कोविड-19 यानी कोरोनावायरस के मरीजों के टेस्ट किए जा रहे हैं। अब तक 21500 लोगों के टेस्ट किए जा चुके हैं। जिनमें से 690 कोरोनावायरस से संक्रमित केस सामने आ चुके हैं। झज्जर जिले का रिकवरी रेट करीब 71% है और अब पॉजिटिविटी रेट भी 5% से घट कर 3.1% रह गया है। देश की राजधानी दिल्ली से हरियाणा के झज्जर जिले में कोरोना की एंट्री हुई थी और बहादुरगढ़ कोरोना का हॉटस्पॉट बन कर उभरा। बहादुरगढ़ के शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस मिले। लेकिन अब झज्जर जिले का कोई भी स्थान कोरोना से छूटा नहीं है। अब झज्जर जिले के गांवों में भी कोरोना के मरीज सामने आने लगे हैं। झज्जर जिले में अब तक 7 लोग कोरोना की जंग में अपनी जान गवां चुके हैं। लेकिन ये सभी किसी न किसी गम्भीर बीमारी से जूझ रहे थे। यहां के युवा सबसे ज्यादा संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। झज्जर जिले में 27 अप्रेल को कोरोना की पहली एंट्री हुई थी। सबसे पहले दिल्ली की आजादपुर मंडी से सब्जियों का कारोबार करने वाले आढ़ती संक्रमण की चपेट में आये और उसके बाद बहुत सारे ऐसे लोग जोकि अपने काम के लिए राजधनी दिल्ली तक आवागमन करते थे, वे संक्रमण का शिकार हुए। लॉकडाउन के 71 दिनों में 97 और अनलॉक के 51 दिनों में 593 कोरोना से संक्रमित केस सामने आ चुके हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉक्टर संजय दहिया का कहना है कि कोरोना को हराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार सेंपलिंग कर रही हैं। मोबाइल टीमें घर-घर जाकर तीन बार लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर चुकी हैं। जिन लोगों में कोरोनावायरस के लक्षण दिखाई देते हैं। उनकी टेस्टिंग बढ़ा दी गई है। कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों का इलाज अस्पतालों के साथ-साथ होम आइसोलेशन में रखकर भी किया जा रहा है। लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाइयों के साथ-साथ उनकी काउंसलिंग भी की जा रही है। झज्जर जिले में एक कॉल सेंटर भी बनाया गया है। जिसके जरिए होम आइसोलेशन में रखे गए कोरोनावायरस मरीजों का दिन में तीन बार हालचाल पूछा जाता है और स्वास्थ्य विभाग की टीम भी घर पहुंच कर कोरोना पेशेंट्स की जांच करती हैं। साथ ही कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज के रिहायशी स्थान के आसपास के क्षेत्र को कंटेनमेंट बनाया जा रहा है। जहां किसी भी प्रकार की मूवमेंट पर रोक लगाई जा रही है। पुलिस भी लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए अहम भूमिका निभा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अवहेलना करने वाले 20 हजार से ज्यादा लोगों के चालान किये जा चुके हैं। वहीं सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क नहीं लगाने वाले लोगों पर भी नकेल कसी जा रही है। ---PTC NEWS---