मेडिकल सुविधाओं की कालाबाजारी पर हरियाणा पुलिस का एक्शन, 38 मुकदमे दर्ज
चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस कोरोना काल में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की कालाबाजारी के खिलाफ खास मुहिम चलाते हुए काफी हद तक इस पर नियंत्रण लगाने में सफल रही है। पुलिस ने कालाबाजारी के मामले में अब तक 38 मुकदमे दर्ज किए हैं जिसमें 76 लोगों को गिरफतार कर जेल भेजा गया है। हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच गत दिनों मोटी मुनाफाखोरी के चक्कर में इंसानियत के दुश्मन कुछ लोग मेडिकल ऑक्सीजन और कोरोना के उपचार में जीवन रक्षक दवा मानी जाने वाले रेमेडिसविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने में लगे थे, जिस पर पुलिस की प्रभावी कार्रवाई से काफी हद तक नियंत्रण हुआ है। हालांकि महामारी में जल्द पैसा बनाने के चक्कर में असामाजिक तत्व ऐसे गैरकानूनी धंधों में अभी भी लगे हो सकते हैं, जिस पर पुलिस लगातार नजर बनाए हुए है। मेडिकल सुविधाओं में अलग-अलग तरह की कालाबाजारी को लेकर पुलिस 38 मुकदमे दर्ज कर चुकी है, और अब तक 76 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। हरियाणा में दवाओं की कालाबाजारी पर रोक के संबंध में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने बताया कि सरकार के सामूहिक प्रयासों से कोरोना की चेन को तोडऩे सहित पुलिस के इंफोर्समेंट से ऑक्सीजन सहित कोरोना दवाओं की कालाबाजारी में कमी आई है। कोरोनाकाल में इंजेक्शन, दवा और ऑक्सीजन जैसी मेडिकल सुविधाओं की मांग बढऩे के साथ इनकी कालाबाजारी भी शुरू हो गई थी। जिसे रोकने में पुलिस टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं। पुलिस कार्रवाई में भारी मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर सहित इंजेक्शन बरामद किए जा चुके हैं। यह भी पढ़ें- केंद्र ने राज्यों को 22.77 करोड़ से अधिक टीके कराए उपलब्ध यह भी पढ़ें- हरियाणा के इस गांव में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं राज्य में कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोविड गाइडलाइन इंफोर्समेंट को लेकर भी पुलिस की सख्ती बरकरार है। जहां मास्क ना पहनने के चलते प्रदेश भर में लोगों के चालान किए जा रहे हैं वही सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करने के लिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लॉकडाउन के नियमों का पालन करवाने में लगी पुलिस लोगों को जागरूक करते हुए मास्क भी वितरित कर रही है। ऐसे लोगों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 7087089947 और टोल-फ्री नंबर 1800-180-1314 भी जारी किये हैं। जिन पर ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिवीर इंजेक्शन व अन्य जीवनरक्षक दवाओं व उपकरणों की कालाबाजारी करने वालों की सूचना नि:संकोच दी जा सकती है।