बारिश से खिले किसानों के चेहरे, गेहूं, जौ, चने की खेती को मिलेगा लाभ
पलवल। ( गुरुदत्त गर्ग ) नवंबर माह के अंत में और दिसंबर माह की शुरुआत में होने वाली बारिश खेती के लिए सोना उगलने वाली होती है हालांकि पलवल में वीरवार को बारिश बहुत कम हुई है लेकिन इस बरसात से भी किसानों को और खेती को बहुत अधिक फायदा होगा। कल शाम पलवल और उसके पास हुई बारिश ने किसानों के चेहरों पर मुस्कुराहट ला दी है जिसका कारण है कि बरसात के बाद मौसम में ठंडक पैदा हो जाना है।अभी तक पलवल क्षेत्र में ठंड नहीं थी लेकिन बरसात के बाद मौसम ने करवट ली है और ठंड बढ़ने से सबसे ज्यादा फायदा गेहूं के फूटाव में होगा ठंड बढ़ने से गेहूं के पौधों में फूटाव ज्यादा होता है। दूसरा फायदा इस समय जो पानी गेहूं की फसल में दिया जाता है उस पानी का खर्चा तथा मेहनत किसान को नहीं करनी पड़ेगी साथ ही साथ बरसात का पानी मीठा होने के कारण ट्यूबवेल और नहर के पानी की तुलना में खेती के लिए कई गुना लाभदायक होता है।
[caption id="attachment_364688" align="alignnone" width="700"] बारिश से खिले किसानों के चेहरे, गेहूं, जौ, चने की खेती को मिलेगा लाभ[/caption]
किसानों ने बताया कि बरसात से गेहूं, जौ, चने आदि में तो फायदा है ही रसों में सबसे अधिक फायदा होगा। सरसों के लिए बारिश सोने की बरसात से कम नहीं है। साथ ही साथ किसानों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जहां कहीं ओले गिरे वहां पर फसलों को नुकसान होगा तथा जिन्होंने गेहूं की बिजाई मात्र 3 से 5 दिन के अंदर की है उनको बिजाई दोबारा करनी पड़ सकती है क्योंकि कम बरसात के कारण ऊपर की मिट्टी सख्त हो जाती है जिसे रपड़ा बोलते हैं जिससे गेहूं के अंकुर सख्त हो जाते है जो मिट्टी को फोड़कर ऊपर नहीं आ पाते हैं। लेकिन जहां पर बिजाई को 10 से 15 दिन से ज्यादा हो चुकी है उन खेतों में बहुत अधिक फायदा होगा। किसानों का कहना है कि नवंबर के अंत में और दिसंबर की शुरुआत में होने वाली बारिश हर तरह से फायदेमंद होती है अभी यह बारिश यदि 10 दिन बाद और हो जाती है तो किसानों को बहुत अधिक फायदा होगा।
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