भारत के अंदरूनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप अवांच्छित : उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली। भारतीय संविधान और भारतीय सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मुद्दों पर विदेशी हस्तक्षेप के रुझान के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस तरह के प्रयास पूरी तरह से नाजायज और अवांच्छनीय हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि भविष्य में बाहर के लोग इस तरह के बयान नहीं देंगे। दरअसल उपराष्ट्रपति नई दिल्ली में ‘टीआरजी-एन एनिग्मा’ पुस्तक के विमोचन के बाद उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि परिपक्व गणराज्य और लोकतांत्रिक देश होने के नाते भारत अपने नागरिकों की चिंताओं का समाधान करने में सक्षम है और ऐसे मामलों में दूसरों की सलाह या निर्देश की कोई जरूरत नहीं है।
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भारत के अंदरूनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप अवांच्छित : उपराष्ट्रपति[/caption]
[caption id="attachment_384043" align="aligncenter" width="700"]नायडू ने कहा, ‘गणराज्य के रूप में 70 वर्ष के अनुभव के आधार पर हमने विभिन्न चुनौतियों का कामयाबी से सामना किया है और तमाम चुनौतियों पर विजय पाई है। हम अब पहले से अधिक एक हैं और किसी को भी इस सम्बंध में चिंता करने की जरूरत नहीं है।’